पिछले 17 साल में महाराष्ट्र में 26 हजार से अधिक किसानों ने की आत्महत्या

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महाराष्ट्र में साल 2001 से लेकर अक्टूबर 2017 के बीच करीब 26,339 किसानों ने आत्महत्या की है। वहीं, इनमें से 12,805 किसानों ने केवल कर्ज और बंजर जमीन के कारण यह कदम उठाया।

प्रतिकात्मक फोटो

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को एक बयान में कहा कि 2001 से लेकर अक्टूबर 2017 तक राज्य के लगभग 26,339 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। साथ ही सरकार ने कहा कि इनमें से 12,805 किसानों ने कर्ज और उपज न होने के चलते यह कदम उठाया।

पीटीआई की ख़बर के मुताबिक, राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा में बताया कि, ‘महाराष्ट्र में 2001 से अक्टूबर 2017 तक आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 26,339 है। इनमें से 12,805 ने कर्ज में डूबे होने, फसल की उपज न होने और कर्ज चुकाने में नाकाम रहने की वजह से आत्महत्या की।

वह नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल के द्वारा उठाए गए किसानों की आत्महत्या से जुड़े मुद्दे पर बोल रहे थे। पाटिल ने बताया कि, इस साल 1 जनवरी से 15 अगस्त के बीच मराठवाड़ा क्षेत्र के 580 किसानों ने आत्महत्या की है। अकेले जिले में ही इस साल 115 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र के भंडारा-गोंडिया संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद नाना पटोले ने पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से शुक्रवार (8 दिसंबर) को इस्तीफा दे किया था। जिसके बाद नाना पटोले ने कहा था कि मुझे किसानों पर पार्टी की पालिसी पसंद नहीं आई है, इससे असहमत होकर पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।

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