राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित दांता गांव के करीब 20 मुस्लिम परिवारों को अपना गांव छोड़कर जाने के लिए मजबूर किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। एक मुस्लिम लोक गायक की हत्या के बाद हिंदू समुदाय के लोगों की तरफ से लगातार धमकी मिलने के बाद इन परिवारों को गांव से पलायन होना पड़ा है।
दरअसल, अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 सितंबर को लांगा मांगानियार समुदाय के 48 वर्षीय अहमद खान की कथित तौर पर गांव के पुजारी रमेश सुथार ने हत्या कर दी थी। लोकगायक अहमद खान बीते एक दशक से एक मंदिर में भजन गाते थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल नवरात्रि के मौके पर सुथार ने अहमद से एक विशेष राग गाने के लिए कहा था, जिससे देवी पुजारी के शरीर में आ जाएं। सुथार ने बाद में आरोप लगाया कि अहमद खान के गलत गाने के चलते ही देवी उसके शरीर में नहीं आईं। जिसके बाद पुजारी ने अहमद खान की पिटाई कर दी।
साथ ही आरोप है कि बाद में रात में सुथार और उसके परिजनों श्याम राम और तारा राम अहमद के घर गए और उसे घर से बाहर खींचकर ले आए। इसके बाद उन लोगों ने अहमद के ऊपर गाड़ी चला दी। अगली सुबह खान का शव मंदिर के पास मिला था। पुलिस ने रमेश को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उसके दो साथी अभी भी फरार हैं।
कथित तौर पर हिंदू समुदाय के लोगों ने खान परिवार को शिकायत दर्ज ना कराने की धमकी दी। जिसके बाद डर की वजह से परिवार वालों ने उसे चुपचाप दफना दिया। उसके बाद उनके रिश्तेदारों ने शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। जब हत्या की शिकायत दर्ज कराई गई तो गांव के हिंदू समुदाय के ऊंची जाति के लोगों ने मुस्लिमों को गांव छोड़कर चले जाने के लिए कहा।
गायक अहमद खान के भाई सुगे खान के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘उन्होंने हमें धमकी दी कि अगर हमने गांव नहीं छोड़ा तो वे लोग हमें भी मार देंगे। उसके बाद करीब 20 परिवार के 200 लोगों ने गांव छोड़ दिया और पास के बलाड़ गांव में हमारे रिश्तेदार के घर शरण ली।’