महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार (11 मई) देर रात दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और करीब 40 से अधिक लोग जख्मी हो गए हैं। हिंसा बढ़ जाने के बाद करीब 50 से अधिक दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस को मामले पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस हिंसा में एसीपी गोवर्धन कोलेकर सहित कम से कम 10 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और करीब 40 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई है।हिंसा में पुलिस स्टेशन के चीफ हेमंत कदम और इंस्पेक्टर श्रीपद परोपकारी भी घायल हुए हैं। बताया जाता है कि बाद में सांप्रदायिक हिंसा शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में भी फैल गई।
हिंसा पर काबू पाने के लिए औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि विवाद क्यों हुआ इसकी जानकारी साफ तौर पर सामने नहीं आई है। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की पाइप लाइन काटने के कथित भेदभाव के चलते यह झगड़ा शुरू हुआ था। वहीं, अन्य मीडिया रिपोर्टों में दो दुकानदारों के बीच किसी बात को लेकर विवाद की जड़ बताया जा रहा है।
औरंगाबाद के पुराने इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। दंगाइयों पर काबू पाने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं। विवाद के बाद औरंगाबाद में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। आगजनी की घटनाओं के बाद पूरे शहर में धारा 144 लागू की गई है। पूरे शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में करीब 50 से अधिक दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया जबकि दर्जनों गाड़ियां जला दी गईं। दो सुमदायों के बीच मामूली बात पर झगड़ा हुआ था जिसने बढ़ते-बढ़ते सांप्रदायिक रूप ले लिया, इस वजह से बीती रात सैकड़ों युवक सड़कों पर उतर आये और पत्थरबाजी शुरू कर दी।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि औरंगाबाद जिले में शुक्रवार देर रात दो समुदायों के बीच नल के कनेक्शन को तोड़ने को लेकर विवाद शुरू था। इस विवाद के कुछ देर बाद ही जिले में तनाव बन गया जिसके बाद दो समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने सड़क पर मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ करने के बाद इसमें आग लगा दी।
डीसीपी (जोन-वन) विनायक ढाकने ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि हमलोगों ने प्रभावित इलाके भारी तादाद में पुलिसवालों की तैनाती की है। तनाव के मद्देनजर जिले में धारा-144 लागू की गई है। उपद्रवियों के खिलाफ हमलोग कड़ी कार्रवाई करेंगे। वहीं, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें।
वहीं, न्यूज 18 के मुताबिक औरंगाबाद शहर में दो दुकानदारों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से पत्थर फेंके जाने लगे। देखते ही देखते विवाद ने दंगे का रूप ले लिया और कई इलाके इसकी चपेट में आ गए। दंगाइयों ने सौ से अधिक दुकानों में आग लगा दी और दर्जनों वाहनों में तोड़तोड़ और आगजनी की।