उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक विवाह स्थल पर सोमवार रात मृत पाई गई 18 वर्षीय लड़की को उसके ही चचेरे भाई ने मार डाला, क्योंकि उसने उसके साथ दुष्कर्म के प्रयास का विरोध किया था। पुलिस के अनुसार, जिस कांस्टेबल को अपराध स्थल के बगल में सोता पाया गया और उसे संदिग्ध माना गया था, उसे क्लीन चिट दे दी गई है। पुलिस फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर इस नतीजे पर पहुंची है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि आरोपी 22 वर्षीय विशाल गुप्ता पीड़िता की मौसी का बेटा है। एसएसपी ने कहा, आरोपी ने लड़की से उसके साथ एक सेल्फी लेने का अनुरोध किया था, लेकिन उसने मना कर दिया। फिर उसने उसे निजी तौर पर मिलने के लिए कहा कि वह उसके साथ कुछ महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा करना चाहता है। फिर वह उसे एक कमरे में ले गया जो खाली था और उसके साथ छेड़खानी करने का प्रयास किया। जब उसने शोर मचाने की कोशिश की, तो उसने उसे तब तक दबाए रखा जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
एसएसपी ने कहा, आरोपी ने शुरू में सोचा कि वह बेहोश है और उसने उसके कपड़े उतारकर दुष्कर्म करने की कोशिश की, लेकिन उसे माहवारी हो रहा था। इसके बाद विशाल कमरे से बाहर भाग गया और उसने कांस्टेबल पर लड़की की हत्या का आरोप लगाया और यहां तक कि उसके साथ मारपीट भी की।
वह भी उन लोगों में शामिल था जिन्होंने शव को अस्पताल पहुंचाया और दाह संस्कार तक परिवार के साथ रहा। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि शौचालय के बगल वाले कमरे में सो रहा कांस्टेबल निर्दोष है। एसएसपी ने कहा, वह कमरे में सोया था और वॉशरूम नहीं गया था जहां फर्श पर शव पड़ा था। अब हमारे पास यह साबित करने के लिए सभी सबूत हैं कि कांस्टेबल दोषी नहीं है।
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