गुजरात के प्रमुख शहरों में से एक अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में शुक्रवार (27 अक्टूबर) आधी रात से लेकर अभी तक 11 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। इससे पूर्व एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले असवारा सिविल अस्पताल में शनिवार (28 अक्टूबर) को 9 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने मौत के कारणों को लेकर जांच के आज आदेश दे दिए हैं।
(Sonu Mehta/HT FILE PHOTO)मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने सोमवार को अस्पताल का दौरा किया और मौतों के मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। चिकित्सा शिक्षा के उप निदेशक आर के दीक्षित की अध्यक्षता वाली एक समिति पूरे हालात और मौत के कारणों की जांच करेगी। इस घटना के सामने आने के बाद से ही राज्य की बीजेपी सरकार को विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले रुपानी ने इस घटना को लेकर गांधीनगर में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। सरकार ने बताया कि पांच बच्चों को दूर दराज के क्षेत्र से लाया गया था, जिनमें वजन कम होने जैसी कई समस्याएं थीं जबकि कुछ बच्चों को गंभीर जानलेवा बीमारियां थीं।
सरकारी बयान के अनुसार 24 घंटे में नौ नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इनमें से पांच को लुणावाड़ा, सुरेंद्रनगर, माणसा, वीरमगाम, हिम्मतनगर से लाया गया था और इनकी हालत गंभीर थी। जन्म के समय से ही इनका वजन बेहद कम (1.1 किलोग्राम) था और ये बच्चे हायलीन मेम्ब्रेन डिजीज (सांस संबंधी समस्या), सेप्टीसीमिया (रक्त में संक्रमण) और डिसेमिनटेड इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (खून का थक्का बनने और बहते खून को रोकने की क्षमता को प्रभावित करने वाली अवस्था) जैसी बीमारियों से ग्रसित थे।
इसके अलावा सिविल अस्पताल में जन्मे चार नवजात शिशुओं में जन्म के दौरान से अस्थमा और मेकोनियसम एस्पिरेशन जैसी गंभीर बीमारियां थीं। अस्पताल अधीक्षक एम एम प्रभाकर ने बताया कि कल रात तक दो और शिशुओं की मौत हो गई जिससे शुक्रवार आधी रात से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि एक नवजात की मौत कैंसर के कारण हुई, जबकि दूसरे की मौत जन्म के समय अत्यधिक कम वजन होने के कारण हुई। प्रभाकर ने बताया कि इसके साथ अस्पताल में पिछले तीन दिनों में 20 शिशुओं की मौत हो चुकी है।अस्पताल का दौरा करने के बाद रुपानी ने संवाददताओं से कहा कि अगर सुविधाओं की कमी या डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौतें हुई है तो सरकार कार्रवाई करेगी। हमने नौ मामलों में जांच के आदेश दिए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रधान सचिव जयंती रवि ने कहा कि कुछ शिशुओं की हालत गंभीर थी और दिवाली के कारण डॉक्टरों के छुट्टी पर होने के चलते दूर दराज के इलाकों से इन्हें सिविल अस्पताल लाना पड़ा था। उन्होंने बताया कि समिति इन मौतों के कारणों का पता लगाएगी और एक दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्य अस्पताल होने के कारण सभी गंभीर मामलों को यहां भेजा जाता है। यह जाहिर है कि हमारे प्रयासों के बावजूद कई शिशु जीवित नहीं रह पाते। सरकारी बयान में बताया गया कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में औसतन हर दिन पांच से छह नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है।
गर्भवती महिलाओं के कुपोषित होने के कारण गुजरात में अब भी जन्म के दौरान शिशुओं का अत्यधिक कम वजन होना चुनौती बना हुआ है। इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल के अधीक्षक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।