कलाकार सिर्फ और कलाकार होता है। समाज, बिरादरी, जात-पात और सीमाओं से आगे अपने फन को दुनियाभर में मोहब्बत की तरह तकसीम करने वाले लोगों को बंदिशों में बांधने की छोटी सियायत अब दुनिया के सामने है।
पाकिस्तान के मशहूर ग़ज़ल गायक ग़ुलाम अली को लेकर भारत आगमन का विरोध देश की घटिया राजनीति की तस्वीर दुनिया के सामने रख देती है। कुछ देर पहले हुई गुलाम अली साहब से जनतकारेपोर्टेर.com से की गयी खास बातचीत में उन्होंने बताया वो सिर्फ मोहब्बत का पैगाम लेकर ही दुनिया भर में ग़ज़ल की नुमान्दगी करते है ना कि पाकिस्तान का नुमाइन्दा बनकर।
उन्होंने गायकी के अपने दौरे को लेकर दिल्ली सरकार के निमन्त्रण को एक अहम कदम बताया और अपना आभार व्यक्त किया कि उनका जब भी हुक्म होगा ‘मैं मैं हाज़िर हो जाऊंगा|’
“मैं केजरीवाल साहब से एक मर्तबा मिल चूका हूँ और मुझे वह इंतहाई ईमानदार शख्स लगे जो लोगों के बारे में वाक़ई फिक्रमंद हैं”
उन्होंने कहा, “हम मौसिकी के लोग है और अदब और कल्चर से मौहब्बत करते है अगर हमें लोग प्यार से बुलाएगें तो हम कैसे इंकार कर सकते है। मुझे बेहद खुशी है कि हिन्दुस्तान की आवाम मुझे दिल की गहराइयों से चाहती है। मैं यकिनन इस बात का बहुत ऐहतराम करता हूं कि उन्होने मुझे ये दावतनामा पेश किया। मेरे ख्याल से मौहब्बत का जवाब मौहब्बत से ही दिया जाना चाहिए। मैं दिल से केजरीवाल साहब के दावतनामें की पेशकश पर शुक्रिया करता हूं।”
भारत के लिए अपने दिल में एक खास जगह रखने वाले गुलाम अली ने बताया कि वो हमेशा से हिन्दुस्तान आते रहे है लेकिन इस बार जिस तरह की पाबिन्दयां उन पर लगाई जा रही है वो एक छोटी राजनीतिक इच्छाशक्ति को जाहिर करता है।
ग़ुलाम अली ने एडिटर इन चीफ रिफअत जावेद से बात करते हुए अपने पुराने भारतीय दौरों का जिक्र किया जिन्हें याद कर वे भावविभोर हो गए। आगे उन्होंने बताया कि उन्हें अपने फन से पहचाना जाए ना कि किसी खास मुल्क के बाशिन्दें के तौर पर, उन्होने आगे बताया कि पुणे और मुम्बई के दौरे को लेकर वे मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह साहब को खिराजे अकिदत पेश करना चाहते है लेकिन उनके दौरे को रद्द कर वे अब दिल्ली में ग़ज़ल के चाहने वालों के लिए मौसिकी के तार छेड़ेगें।
उन्होंने कहा की उन्हें शिव सेना से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि “कुछ लोगों का जज़्बाती हो जाना इंसानी फितरत है.”
” कुछ लोग आप को ज़्यादा मुहब्बत करते हैं कुछ लोग कम. मेरी अल्लाह से दुआ है की शिव सेना वालों की मेरे बारे जो भी ग़लत फहमियां हैं वह जल्द से जल्द दूर हो जाए ताकि हम एक दुसरे के साथ प्यारो मुहब्बत के साथ रह सकें.
उन्होंने आगे बाचतीच करते हुए बताया कि भले ही शिव सेना की धमकी के चलते उनका पुणे और मुम्बई का दौरा रद्द कर दिया गया हो लेकिन वह पश्चिम बंगाल की सरकार के निमंत्रण पर कलक्त्ता भी जाएगें।