ऋचा वार्ष्णेय
डॉक्टर अब्दुल कलाम जिनको पूरा देश जनता के राष्ट्पति के रूप में जानता है एक चन्दन जैसे थे जिनकी बातों की खुशबु ने हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी| एक ऐसा दीपक जिन्होंने ने रोहिणी नामक उपग्रह के रूप में न सिर्फ अपना ही नही बल्कि समस्त भारतवर्ष को प्रकशित किया|
कलाम साहब ने देशभक्ति का एक ऐसा अभूतपूर्व उदहारण प्रस्तुत किया कि देशप्रेम समस्त जातिवाद,कुल, वर्ग की सीमाओं से परे हो गया| अगर आपके मन में देश के प्रति सच्ची लगन है तो आप सभी प्रकार की बाधाओं को पार कर अपने आप को राष्ट्र के हित में समर्पित कर देंगे,
डॉक्टर अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में धनुष कोरी गाँव में हुआ था पर किसको पता था ये दिन इस महान वैज्ञानिक के नाम समर्पित हो विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जायेगा| कोई नही जानता था जो बालक अखबार बेच कर अपनी शिक्षा पूर्ण कर रहा था वो आगे चलकर भारतवर्ष के राष्ट्पति के रूप में प्रसिद्ध होगा|
वह एक सफल वैज्ञानिक थे जिन्होंने रोहिणी जैसे उपग्रह का निर्माण कर भारत को अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना दिया तथा अग्नि एवं पृथ्वी मिसाइल की सफल परीक्षण के बाद भारत को परमाणु संपन्न देशो की सूची में ला खड़ा किया| ऐसा नही कि उन्हें सफलता आसानी से मिली बल्कि उनके कड़े श्रम एवं लगन के आगे असफलता ने भी सिर झुका दिया|
जब उनको भारत रत्न तथा पद्मा भूषण से सम्मानित किया गया तो उनका पहला विचार भारत 2020 के रूप में भारत को परमाणु शक्ति के सर्वोच्च स्थान पर ले जाने का था| उनके द्वारा किये गए महान कार्यो को देखकर ही उन्हें 2002 में भारत के राष्टपति के पद की शपथ दिलाई गयी| उन्होंने अपनी जीवनी ” विंग्स ऑफ़ फायर एवं गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ” जैसी मार्गदर्शिनी पुस्तकें लिखी जो भारतीय युवाओ का मार्गदर्शन करेंगी|
एक बहुत ही खास बात थी कलाम साहब की कि शायद वो एक ऐसे एकलौते इंसान थे जिनके बारे में कभी शायद ही किसी ने बुरा कहा हो और इसका बहुत ही बड़ा कारण है उनकी सकारात्मकता|
उन्होंने अपने परिवार के लिए कोई जमा पूंजी नहीं रखी बल्कि जो भी धन राशि थी वो भी एक फाउंडेशन को दे दी| उनकी कही हर बात अमूल्य एवं दिशा निदेशित है|
कुछ उदाहरण
“I am not a “HANDSOME” guy. But I can give my “
“Dream is not the thing you see in sleep but is that thing that doesn’t let you sleep.”
“For great men, religion is a way of making friends; small people make religion a fighting tool.”
ऐसेअनगिनत उदहारण जो कलाम साहब कि महानता का बखान करते नही थकते हैं| अभी कुछ दिनों पहले उन्होंने दिल्ली सरकार के शिक्षा के बजट की बहुत सराहना की एवं खुद 10 एवं 12 कक्षा के सिलेबस बनाने का विचार भी किया पर अकस्मात निधन के कारण ये प्रयास संभव न हो पाया, हालांकि दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा की वो कलाम साहब के कहे अनुसार ही शिक्षा पद्धिती को सुचारू रूप से चलायंगे|
27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और उनका निधन हो गया और एक सितारा हिन्दुस्तान से निकल कर आसमान में प्रकशित हो गया|
हिंदी के श्रेष्ठ कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने उनकी प्रशंसा कुछ इस तरह से की “बहुत मुश्किल है कोई यूँ वतन की जान हो जाए ,तुम्हे फैला दिया जाए तो हिन्दुस्तान हो जाये ”
प्रसिद्ध शायर मुन्नवर राना ने उनके बारे में कहा “कम से कम बच्चों की हँसी के खातिर ऐसी मिटटी में मिलाना कि खिलौना हो जाऊ”
भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि वो उनके मार्ग दर्शक थे और उनकी मृत्य पर दुःख प्रकट किया| दिल्ली के मुख़्य मंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यह भारत का बहुत बड़ा नुक्सान है वह जनता के राष्ट्पति थे| उन्होंने छात्रों को दिए जाने वालो 10 लाख के लोन को कलाम सर के नाम से समर्पित किया|
श्री राहुल गांधी ने कहा “‘राष्ट्रपति कलाम जनता के राष्ट्रपति थे,उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी अपने काम को दे दी।वह हमेशा हमारी यादों में रहेंगे’
वॉशिंगटन में मौसम का हाल देख कर लगा जैसे आसमान भी उनकी मृत्य पर विलाप कर रहा हो| ईश्वर से बस यही प्रार्थना है कि राष्ट्रपति कलाम फिर से इसी भारत भूमि पर जन्म लें, इसे और पावन करें.. जितना भी लिखूं कम ही लगता है बस इतना कहना चाहूंगी,
सादगी की मूरत, भारत मॉं के लाल हर आखों में है आसूं, हर दिल में खोने का मलाल है, कलाम सर, हर एक भारतवासी के ह्रदय में आप ऐसे महान हैं|