हाईटेक होंगे दिल्ली के दफ्तर, फाइल खोने और चोरी जैसी समस्या से मिलेगी निजात

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दिल्ली के सरकारी दफ्तरों में धूल खाती फाइलो से छुटकारा दिलाने के लिए सभी दफ्तरों को हाईटेक किया जा रहा है।सरकारी फाइलों के खो जाने और चोरी होने जैसी समस्याओ से भी निजात मिलने वाली है।

दिल्ली के सरकारी दफतरों में अब आपको धूल चाटती और फाइलों के बड़े-बड़े अंबार नहीं दिखेगे। अब सरकारी फाइले खोने और चोरी होने जैसी समस्याओ से भी निजात मिलने वाला है।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, दिल्ली के सरकारी दफ्तरों की फाइलें अब सीधे कंप्यूटरों पर आ-जा रही है। अधिकारियों की नोटिंग्स भी कंप्यूटर पर हो रही हैं। इसका पुख्ता इंतजाम भी हो गया है कि अधिकारी चाहें तो देर रात घर बैठे भी अपने काम निपटा सकेगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर से इस पर  नजर रखी जाएगी। सभी मंत्रालयों को कह दिया गया है कि इसकी प्रगति को संबंधित सचिव की कार्यकुशलता से जोड़ कर देखा जाएगा।

केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रालयों को पूरी तरह कागजरहित करने के लिए आठ साल पहले बनाई गई इस योजना को सरकार ने तेजी से पूरा करने का फैसला किया है।

दफ्तरों के हाईटेक होने से कामकाज में पारदर्शिता आएगी और  सहायक के बिना ही फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर पहुंचने में आसानी होगी. इससे फाइल को किसी भी समय देखना मुमकिन हो जायेगा साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी।

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों पर सालाना लगभग तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करती है। अगर इस प्रयास के जरिये इनकी उत्पादकता में दो फीसद का भी इजाफा किया जा सका जिससे छह हजार करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी।

क्लाउड बेस्ड एप्लीकेशन होने से अधिकारी कहीं से भी काम कर सकते हैं। देर रात घर पर बैठे या किसी दूसरी जगह रहते हुए भी वे अपने काम को आसानी से निपटा सकेंगे। साथ ही छुट्टी और दौरे के लिए आवेदन भी इसके जरिये किया जा सकता है।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग को कहा गया है कि हर महीने इसकी प्रगति के बारे में मंत्रालय को रिपोर्ट तैयार करके दी जाए। सकेंद्र सरकार “ई-ऑफिस” परियोजना को “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रम के तहत मिशन मोड में चला रही है।

इस योजना से दिल्ली के सभी दफ्तर अब एक दम  साफ़ दिखेगे। अधिकारियो एक क्लिक पर पुराने से पुरानी फाइल आसानी से मिल जाएगी।

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