बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी मामले में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल का अचानक शुक्रवार को निधन हो गया। उनके वकील तुषार खंडारे के अनुसार, कल चेंबूर के माहुल इलाके में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। प्रभाकर सेल के निधन ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बता दें कि, प्रभाकर सेल की मौत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा आर्यन खान गिरफ्तारी मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने के लिए और समय मांगने के कुछ ही दिनों बाद हुई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की एजेंसी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 दिन का और समय दिया है।
कौन थे प्रभाकर सेल?
प्रभाकर सेल ने आर्यन खान मामले में कई सनसनीखेज खुलासे किए थे, जिसकी वजह से वो चर्चा में आ गया था। पिछले साल अक्टूबर में सेल ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े सहित ब्यूरो के कई अधिकारियों से भारी मात्रा में धन के आदान-प्रदान का आरोप लगाकर सभी को चौंका दिया था। प्रभाकर सेल मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में स्वतंत्र गवाह थे, जिन्होंने दावा किया था कि वह वह केपी गोसावी के पर्सनल बॉडीगार्ड थे, जिनकी शाहरुख खान के बेटे के साथ एक सेल्फी वायरल हुई थी।
सेल ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि उसने गोसावी को सैम डिसूजा के साथ 18 करोड़ रुपये के एक सौदे के बारे में बारे में बात करते हुए सुना था, जिसमें से 8 करोड़ रुपये एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। सेल के हलफनामे के मुताबिक, जब गोसावी ने डिसूजा से बात की तो वह कार में मौजूद थे।
सेल ने आरोप लगाया था कि गोसावी ने उसी शाम डिसूजा और शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी के साथ एक कार में मुलाकात की थी। सेल ने आगे कहा कि उन्होंने गोसावी से नकद प्राप्त किया और व्यक्तिगत रूप से इसे डिसूजा को दिया।
उन्होंने कहा था कि, गोसावी के लापता होने के बाद उन्हें अपनी जान का खतरा था। उनके अनुसार, यही कारण था कि उन्होंने एक हलफनामा दाखिल करने का फैसला किया।
हलफनामे में उन्होंने लिखा था, “1 अक्टूबर 2021 को रात करीब 9.45 बजे उन्होंने (गोसावी) मुझे फोन किया और कहा कि मैं सुबह 7.30 बजे तक तैयार हो जाऊं और वह चला गया। 2 अक्टूबर 2021 को लगभग 7.35 बजे किरण गोसावी ने मुझे फोन किया और कहा कि उन्होंने मेरे खाते में 500 रुपये ट्रांसफर किए हैं और मुझे बताया कि वह मुझे व्हाट्सएप पर एक लोकेशन भेज रहे हैं और मुझे उस लोकेशन पर आने के लिए कहा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं रात 8.45 बजे सीएसटी स्टेशन पहुंचा और जब मैंने व्हाट्सएप पर लोकेशन देखी तो वह एनसीबी कार्यालय का था। मैं टैक्सी से वहां पहुंचा और एनसीबी ऑफिस के सामने सफेद इनोवा कार खड़ी था, जिसका नंबर MH-12 GJ-3000 यह था। मैंने ड्राइवर विजय सूर्यवंशी से पूछा कि केपी गोसावी कहां हैं। उन्होंने मुझे बताया कि केपी गोसावी एनसीबी कार्यालय में हैं और वह एनसीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं लगभग 10 बजे तक ड्राइवर के साथ था। किरण गोसावी ने ड्राइवर को बुलाया और एनसीबी अधिकारी के साथ वह एनसीबी कार्यालय चले गए। किरण गोसावी और उक्त अधिकारी उक्त इनोवा में चले गए और मुझे वहीं रुकने का निर्देश दिया। लगभग 10.30 बजे मुझे केपी गोसावी द्वारा बोर्डिंग क्षेत्र में बुलाया गया और मैंने आर्यन खान को क्रूज बोर्डिंग क्षेत्र के एक केबिन में देखा। मैंने एक लड़की मुनमुन धमेचा और कुछ अन्य को एनसीबी अधिकारियों के साथ देखा।
उन्होंने कहा कि, जब तक हम लोअर परेल पहुंचे केपी गोसावी सैम से फोन पर बात कर रहे थे और कहा कि आपने 25 करोड़ का बात हुई और 18 में फाइनल हो गया। हमें समीर वानखेड़े को 8 करोड़ देना है।
वानखेड़े ने सेल द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था। मुंबई पुलिस ने बाद में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल द्वारा किए गए सनसनीखेज दावों की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया। सेल के दावों के बाद ही एनसीबी को समीर वानखेड़े को मामले की जांच से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बता दें कि, महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने भी वानखेड़े पर जबरन वसूली में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने वानखेड़े के मालदीव और दुबई की रहस्यमय यात्राओं पर भी सवाल उठाया था। मलिक को बाद में केंद्र सरकार की एक अन्य एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया।
एनसीबी ने आर्यन खान को सात अन्य लोगों के साथ गोवा जाने वाले एक क्रूज जहाज से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें कई दिन मुंबई की जेल में बिताने पड़े थे। शाहरुख के बेटे को बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
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