पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए चिंता की एक और खबर आई है। भाजपा को असहज स्थिति में डालते हुए केंद्रीय मंत्री और मतुआ समुदाय के प्रमुख सदस्य शांतनु ठाकुर ने पार्टी के सभी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं।

केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री ठाकुर ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए संवाददाताओं से कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के भाजपा नेतृत्व को नहीं लगता कि संगठन के भीतर हमारी (मतुआ) कोई महत्वपूर्ण भूमिका है।” उन्होंने यह भी कहा कि क्या भाजपा की राज्य इकाई में अब उनका कोई महत्व है। ठाकुर ने कुछ और कहने से इनकार कर दिया।
वह अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के संघ अधिपति हैं। बनगांव के सांसद ने कुछ दिन पहले मतुआ समुदाय के कुछ विधायकों को भाजपा की पुनर्गठित राज्य और जिला समितियों में शामिल नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “हम शांतनु ठाकुर के साथ किसी भी गलतफहमी को दूर कर लेंगे। वह भाजपा परिवार का पूरी तरह हिस्सा हैं।”
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी लाभ के लिए मतुआ समुदाय का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, “लेकिन उसे (भाजपा) उनके वास्तविक विकास की चिंता नहीं है। अब यह स्पष्ट हो गया है।”
बता दें कि, कुछ दिनों पहले से भाजपा में व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने की होड़ मच गई है। कुछ दिनों पहले ही पहले ही 5 भाजपा विधायकों पार्टी की बैठकों से दूरी बना ली थी और व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) को मिली बंपर जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता पाला बदलकर सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)
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