भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रचार सचिव अरुण के. छिब्बर ने उपेक्षा और अपमान का आरोप लगाते हुए शनिवार (27 नवंबर) को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की।
65 वर्षीय छिब्बर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह ‘‘पार्टी के साथ 40 साल से भी ज्यादा वक्त से जुड़े रहे हैं, पूरे समर्पण और निष्ठा से काम किया है।’’ छिब्बर ने कहा, ‘‘अप्रैल 1980 में भाजपा की स्थापना के समय से ही मैं इससे जुड़ा हुआ था और जमीनी स्तर के कार्यकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैंने कभी अपने परिवार की परवाह नहीं की और देश की सेवा करने के पार्टी के एकमात्र लक्ष्य से प्रभावित रहा।’’
स्नातकोत्तर छिब्बर ने कहा कि उन्होंने ‘‘सरकारी नौकरी से ज्यादा तवज्जो भाजपा को दी’’ और पार्टी नेतृत्व के हिसाब से हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारियां निभाईं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले कुछ साल तक, जब तक हम (जम्मू-कश्मीर में) सत्ता में नहीं थे, हम शक्तिशाली हुआ करते थे और अपने स्तर पर जनता की समस्याएं सुलझाया करते थे। लेकिन, सत्ता में आने के बाद से हम जनता के साथ अपना संपर्क खोने लगे।’’
छिब्बर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नए लोगों के शामिल होने से बढ़ रही है, लेकिन पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले पुराने लोगों की ‘उपेक्षा की जा रही है, उन्हें अपमानित किया जा रहा है।’’
बता दें कि, इससे पहले अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। परमार ने कहा था कि पिछले 4 साल से लगातार भाजपा में उनकी अनदेखी की जा रही है और वह अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते। (इंपुट: भाषा के साथ)
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