वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को लगाई फटकार; केंद्र ने SC से कहा- पराली जलाना दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं, ये सिर्फ 10% देता है योगदान

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दिल्ली-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है, क्योंकि यह प्रदूषण का केवल 10% योगदान देता है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने एक हलफनामा दायर किया है। इसमें दिल्ली सरकार ने कहा कि वह दिल्ली में लॉकडाउन लगाने को तैयार है, लेकिन यह कारगर तब ही होगा जब इसे पूरे एनसीआर में लागू किया जाए।

फाइल फोटो

प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को तीन कदम सुझाए- सम-विषम वाहन योजना की शुरुआत, दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सबसे गंभीर लॉकडाउन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, दिल्ली में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण धूल, भारी वाहनों का यातायात और उद्योग हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार द्वारा समय पर कदम उठाए जाते हैं, तो प्रदूषण को प्रबंधनीय स्तर पर रखा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हलफनामे पर गौर करते हुए कहा कि हलफनामा किसानों को कोसने के बारे में है और कैसे पूरा कारण पराली जलाना है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इसका श्रेय नगर आयुक्त को दे रही है। कोर्ट ने कहा कि, इस तरह का लंगड़ा बहाना हमें आपके द्वारा अर्जित राजस्व का ऑडिट करने और लोकप्रियता के नारों पर खर्च करने के लिए मजबूर करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कल शाम तक जवाब मांगा है कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है और आप तब तक वैकल्पिक बिजली कैसे प्रदान कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि इस तरह से एक कार्यकारी आपात बैठक आयोजित होने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें उनके लिए एक एजेंडा निर्धारित करना है।” बनाई गई कमेटी से कल शाम तक कार्ययोजना पर फैसला लेने को कहा।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह लॉकडाउन लागू करने के लिए तैयार है, लेकिन चूंकि इसकी कोई सीमा नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार इसे पूरे एनसीआर में रखने पर विचार कर सकती है और संपूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाया जाना है। सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि वायु प्रदूषण के प्रमुख अपराधी परिवहन, उद्योग, वाहन यातायात के अलावा कुछ क्षेत्रों में पराली जलाने हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण, गैर-जरूरी परिवहन, बिजली संयंत्रों को रोकने और घर से काम लागू करने जैसे मुद्दों पर कल एक आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया।

मामला 17 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनसीआर क्षेत्र के राज्यों से इस बीच कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा। केंद्र द्वारा कल होने वाली आपात बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है।

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