भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच बुधवार (27 अक्टूबर) को पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुनाएगी।
इस साल सितंबर में CJI रमना ने संकेत दिया था कि शीर्ष अदालत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का आदेश दे सकती है।
पेगासस स्कैंडल ने भारतीय राजनीति को तब हिलाकर रख दिया जब यह सामने आया था कि कई वरिष्ठ पत्रकारों, विपक्षी राजनेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में कुछ मंत्रियों, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के फोन को इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके फोन टैप किया गया है।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग करते हुए इसे देशद्रोह का मुद्दा बताया था।