“गलत इंटरव्यू मत चलाओ”: ‘न्यूज़ 18 इंडिया’ के लाइव इंटरव्यू में अमीश देवगन से बोले किसान नेता राकेश टिकैत

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केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर (सोमवार) को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया था, जिसका असर पूरे देशभर में देखने को मिला था। देश के कई विपक्षी दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया। वहीं, इस मुद्दे को लेकर हिंदी समाचार चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ के एंकर अमीश देवगन ने किसान नेता राकेश टिकैत का लाइव इंटरव्यू लिया। इस दौरान टिकैत उस वक्त खफा हो गए जब देवगन ने उनसे पूछ लिया कि ‘आपने कहा था कि आपका पॉलिटिकल मोटिव भी है। आप भाजपा को वोट की चोट देना चाहते हैं।’

राकेश टिकैत

दरअसल, इंटरव्यू के दौरान अमिश देवगन ने राकेश टिकैत से कहा- बहुत देर तक जाम में रहना पड़ा। कुछ लोग तो काम पर भी नहीं जा पाए, जाम में ही खड़े रहे। आपकी लड़ाई तो सरकार से है, लेकिन आप सरकार से बात करने को तैयार नहीं हैं? आज भी नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा हमारे चैनल पर कि हम तो बात करने के लिए तैयार हैं।

इस पर राकेश टिकैत ने जवाब देते हुए कहा, वो गलत बोलते हैं, झूठ बोलते हैं। वो ये कह रहे हैं कि हमको बता दिया है कि कानून वापस नहीं लेगे, संधोशन कर रहे हैं और कोई सुझाव है तो आप हमको दे दो। वो बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। मतलब उन्होंने ये फैसला कर ही लिया तो क्या हमारी मोहर या साइन चाहते हैं?

जिसके बाद अमिश देवगन आगे पूछते है, आप चाहते क्या हैं, कृषि कानून लागू न हो? कृषि कानून तो लागू नहीं हो रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर रोक लगा दी है, डेढ़ साल के लिए।” राकेश टिकैत जवाब देते हुए कहते है, “अच्छा! लेकिन लागू तो होंगे, डेढ़ साल बाद। एक साल से ज्यादा तो हो गया। 5 महीने बाद लागू होंगे।

इसपर अमिश कहते हैं- सरकार कह रही है कि इसे हम अभी और सस्पेंड कर सकते हैं लेकिन आप बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ आप कहते हैं कि भाजपा को वोट की चोट पहुंचाना जरूरी है। आप एक दबंग आदमी हो, आपने बोला कि मेरा भी पॉलिटिकल मोटिव है, मेरी भी राजनैतिक हैसियत होनी चाहिए। सिर्फ ये आरएलडी वालों की ही कैसे हैसियत है?

इसपर किसान नेता ने जवाब देते हुए कहा, नहीं… नहीं… गलत इंटरव्यू मत चलाओ। मैंने ये कब कहा था? इस पर अमिश देवगन मुस्कुराते हुए सफाई देने लगते हैं और कहते हैं कि फिर वोट की चोट का क्या मतलब है? जवाब में टिकैत कहते हैं कि वोट की चोट का मतलब है कि जनता इन्हें वोट नहीं देगी। अब जब हमारी और इनकी लड़ाई बंद नहीं हो रही है, तो हम क्यों कहेंगे कि भाई इन्हें वोट दो।

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