कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार रात श्रीनगर में उनके आवास पर निधन हो गया। गिलानी के निधन के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने निधन पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही इमरान खान ने भारत पर निशाना साधा और गिलानी को ‘पाकिस्तानी’ बताते हुए देश के झंडे को आधा झुकाने का ऐलान किया। यही नहीं इमरान ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया है।
पाकिस्तान के पीएम ने ट्वीट करके कहा कि कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। गिलानी जीवनभर अपने लोगों और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लड़ते रहे। इमरान ने कहा कि भारत ने उन्हें कैद करके रखा और प्रताड़ित किया।
इमरान ने आगे कहा, ‘हम पाकिस्तान में उनके संघर्ष को सलाम करते हैं और उनके शब्दों को याद करते हैं- हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है। पाकिस्तान का झंडा आधा झुका रहेगा और हम एक दिन का आधिकारिक शोक मनाएंगे।’
गिलानी के निधन से पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि गिलानी के निधन पर उन्हें दुख है। वह कश्मीर के स्वतंत्रता आंदोलन के अगुआ थे। बाजवा ने भारत पर भी आरोप लगाए।
गिलानी के निधन पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान ने कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन के मशाल वाहक सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया। गिलानी ने भारतीय कब्जे की नजरबंदी के खिलाफ अंत तक कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्हें शांति मिले और उनकी आजादी का सपना साकार हो।
कुरैशी के इस ट्वीट के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उनपर हमला बोलते हुए कहा कि मिस्टर कुरैशी आपने वास्तव में जिहाद के नाम पर निर्दोष कश्मीरियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए भारत में काम करने वाली अपनी खुफिया एजेंसी का एक सदस्य खो दिया। निर्दोष कश्मीरियों की हत्या के लिए आपका देश और आपके सभी प्रतिनिधि इतिहास में दर्ज होंगे।
प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्य और हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष गिलानी पिछले दो दशक से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। इसके अलावा वह बढ़ती आयु संबंधी कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे। वह हुर्रियत कांफ्रेंस के संस्थापक सदस्य थे, लेकिन वह उससे अलग हो गए और उन्होंने 2000 की शुरुआत में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया था। आखिरकार उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत कांफ्रेंस से भी विदाई ले ली थी।
कश्मीर घाटी में अफवाहों के फैलने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा होने से रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में मोबाइल इंटरनेट एहतियातन बंद कर दिया है। पुलिस ने बताया कि एहतियात के तौर पर कश्मीर में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं।