दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर मौत मामले में बुधवार (18 अगस्त) को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। बता दें कि, कोर्ट ने इस साल अप्रैल में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फाइल फोटोलाइव लॉ के मुताबिक, स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने कहा, “आरोपी को बरी कर दिया गया है। आपको एक बांड दाखिल करना होगा।” थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि वह जल्द ही बांड दाखिल करेंगे।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। थरूर ने न्यायाधीश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल ‘प्रताड़ना’ में बीते और यह फैसला ‘बड़ी राहत’ लेकर आया है।
पुलिस ने अदालत से भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) समेत विभन्न इल्ज़ामों में आरोप तय करने का आग्रह किया जबकि थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पहवा ने अदालत से कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच राजनीतिक नेता को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से मुक्त करती है।
गौरतलब है कि 17 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर दक्षिण दिल्ली के एक लग्जरी होटल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। दंपति होटल में ठहरे हुए थे क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
थरूर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसपर क्रूरता करना) और धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं की गई थी। उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी। (इंपुट: भाषा के साथ)