देश में “औपनिवेशिक-युग के कानूनों के खिलाफ” रविवार (8 अगस्त) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक मार्च के दौरान कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी और उनके खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाले भड़काऊ नारे लगाए गए। नारेबाजी से जुड़े कुछ वीडियो भी सामने आए है, जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे है। वायरल वीडियो में कुछ लोग मुस्लमानों के खिलाफ खुलेआम भड़काऊ नारे लागते हुए दिखाई दे रहे हैं।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया है कि आयोजकों को यह कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, रविवार देर शाम तक इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस रैली का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने किया था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने अश्विनी उपाध्याय से ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ नामक इस मार्च को लेकर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से अखबार को कोई जवाब नहीं मिल पाया। उन्होंने पिछले महीने भारतीय दंड संहिता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायिक पैनल या विशेषज्ञों के एक निकाय से कानून का शासन और समानता सुनिश्चित करने के लिए एक ‘व्यापक’ और ‘कड़े’ दंड संहिता का मसौदा तैयार करने की मांग की गई थी।
भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया इंचार्ज शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा, “औपनिवेशिक क़ानूनों के खिलाफ यह प्रदर्शन था जो कि ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों को दबाने के लिए बनाया गया था। हम वहां उन क़ानूनों के ख़िलाफ और समान नागरिक संहिता के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे क्योंकि हमारी मांग थी कि देश में एक नियम होना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि, “मेरी जानकारी में वहां पर कोई ऐसे (भड़काऊ) नारे नहीं लगाए गए। वहां पर 5,000 लोग थे और अगर उनमें से 5-6 लोगों ने किसी कोने में ऐसे नारे लगाए होंगे तो हम खुद को उनसे अलग कर लेते हैं।”
नई दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जब अखबार ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “DDMA दिशानिर्देशों (जो कि कोविड प्रोटोकॉल के दौरान भीड़ इकट्ठा करने की अनुमति नहीं देता है) के बारे में बताते हुए हमने अनुमति देने से मना कर दिया था और बाद में हमें पता चला कि अश्विनी उपाध्याय इंडोर में यह कार्यक्रम करना चाहते हैं। पुलिस व्यवस्था उस जगह पर की गई थी क्योंकि हमें लगा कि वहां पर तक़रीबन 50 लोग आएंगे, लेकिन एकाएक वहां पर छोटे समूहों में लोग इकट्ठा होने लगे। वे शांतिपूर्ण तरीक़े से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन जब वे जाने लगे तो नारे लगाने लगे।”
कथित नारे वाले वीडियो के बारे में जब डीसीपी (नई दिल्ली ज़िला) दीपक यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हम सभी वीडियो क्लिप को वेरीफ़ाई कर रहे हैं।” हालांकि, जंतर-मंतर पर इतनी भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
गौरतलब है कि, पिछले महीने ही पुलिस ने लंबी चर्चा और बैठकों के बाद 200 किसानों को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी। प्रदर्शन के लिए विशेष अनुमति दिल्ली के उप-राज्यपाल ने दी थी जो कि DDMA के चैयरपर्सन भी हैं।