बिहार सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पेगासस मामले में जांच कराने की बात कहे जाने के बाद मंगलवार को एक अन्य घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी इस मामले की जांच कराने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने मंगलवार को कहा, मुझे लगता है वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पेगासस जासूसी मामले की जांच करा लेनी चाहिए। उधर, जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी कहा है कि देश सच्चाई जानना चाहता है।
जीतन राम मांझी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, “अगर विपक्ष किसी मामले की जांच की मांग कर लगातार संसद का काम प्रभावित कर रहा है तो यह गंभीर मामला है। मुझे लगता है वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पेगासस जासूसी मामले की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे देश को पता चल पाए कि कौन किन लोगों की जासूसी करवा रहा है।”
अगर विपक्ष किसी मामले की जांच की मांग कर लगातार संसद का काम प्रभावित कर रहा है तो यह गंभीर मामला है।
मुझे लगता है वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पेगासस जासूसी मामले की जांच करा लेनी चाहिए,जिससे देश को पता चल पाए कि कौन किन लोगों की जासूसी करवा रहा है।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) August 3, 2021
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि फोन टैपिंग मामले की सच्चाई देश जानना चाहता है। इसकी जांच कराकर सच्चाई जनता को बताना चाहिए। कुशवाहा मंगलवार को परिसदन में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जातीय जनगणना की मांग वर्षों पुरानी है। 1931 की जनगणना के अधार पर सरकार की योजना बने, यह त्रुटिपूर्ण होगा। 2021 में अगर नहीं हुआ तो फिर 2031 में जनगणना का इंतजार करना होगा।
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पेगासस मामले की जांच की बात कह चुके हैं। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले में पूरे तौर पर एक-एक बात देखकर उचित कदम उठाना चाहिए। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, आजकल तो जानते नहीं कि ये सब चीज कई तरह से कौन कर लेगा, इस पर पूरे तौर पर से एक-एक बात को देखकर उचित कदम उठाना चाहिए मेरे हिसाब से, लेकिन क्या हुआ है क्या नहीं यह पार्लियामेंट में कुछ लोग बोल रहे हैं और समाचार पत्र में आ रहे हैं, उसी को हम देखते हैं। जो भी कुछ है उस पर पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी को परेशान करने के लिए अगर ऐसा कोई काम होता है तो यह ठीक नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जो भी सच्चाई है सामने आ जाए। इस पर चर्चा हो जानी चाहिए जो भी है साफ हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को भी सभी बातें सामने रखनी चाहिए।
पहले नीतीश और फिर जीतनराम मांझी की ओर से आए बयान के बाद भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है। यही वजह है कि जब मंगलवार को भाजपा नेता और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये केंद्र का मामला है। मेरा कार्य-क्षेत्र (क्षेत्राधिकार) उस दायरे से बाहर है।
मंगल पांडेय मंगलवार को पार्टी के सहयोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। ख़बरों के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने पेगासस मामले पर कहा कि जो भी विषय है ये केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ मामला है। केंद्र की सरकार के संज्ञान में सारे विषय है उसके अनुसार सरकार काम कर रही है। मैं तो राज्य का मंत्री हूं। मेरा जो कार्य क्षेत्र है मैं उतनी ही दूर तक बात करता हूं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ने ये जरूर कहा कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक है। किसी को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि, बिहार राजग में भाजपा और जदयू के अलावे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल है। बहरहाल, नीतीश कुमार के बदलते तेवर से बिहार की सियासत में सियासी गर्मी बढ गई है तथा कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं और राज्य में सियासत अब गर्म होगी। (इंपुट: IANS के साथ)