“हम जानते हैं कि वह क्या पढ़ रहे हैं”: राहुल गांधी ने फोन टैपिंग केस को लेकर केंद्र सरकार पर कसा तंज

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये जासूसी और विपक्षी नेताओं, मीडियाकर्मियों और अन्य बड़ी हस्तियों की फोन टैपिंग की ख़बर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, हम जानते हैं कि वह क्या पढ़ रहे हैं।

राहुल गांधी

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “हम जानते हैं कि वह क्या पढ़ रहा है-आपके फोन पर सब कुछ! हैशटैग पेगासस।” इसके साथ उन्होंने अपने 16 जुलाई के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, “मैं सोच रहा हूं कि आप लोग इन दिनों क्या पढ़ रहे हैं।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ‘टैपिंग जीवी’ है और आरएसएस नेतृत्व को भी नहीं बख्शा है, यह ‘जासूसी सरकार’ है।

दरअसल, कई मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पीगैसस सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लीक आंकडों में बड़े मीडिया संगठनों हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस के अनेक जाने माने पत्रकार के नंबर शामिल हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।’’

सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार ने ‘‘जांचकर्ता, अभियोजक और ज्यूरी की भूमिका’’ निभाने के प्रयास संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

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