धर्मांतरण मामले में यूपी पुलिस की एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए धर्मगुरु उमर गौतम की बेटी ने पिता को बताया बेकसूर; कहा- चुनाव करीब तभी ये मामला क्यों आया सामने? उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है

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धर्मांतरण के मामले में यूपी पुलिस की एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए धर्मगुरु उमर गौतम की बेटी जरीना (बदला हुआ नाम) ने अपने पिता को बेकसूर बताते हुए कहा है कि, “पुलिस के पास उनके पिता के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है और जब चुनाव करीब हैं तभी ये मामला क्यों सामने आया?” बेटी ने आरोप लगाया कि, “उनके पिता को धोखे से थाने बुलाकर गिरफ्तार किया गया।”

धर्मांतरण
फोटो: IANS

दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद निरोधी शाखा (एटीएस ) ने दो मुसलमान धर्मगुरुओं मोहम्मद उमर गौतम और मु़फ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिऱफ्तार किया है। दोनों ही धर्मगुरुओं पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों से फंडिंग लेने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं इनपर मूक-बधिर छात्रों और कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन नौकरी और शादी का लालच देकर मुसलमान बनाने का भी आरोप लगा है। पुलिस द्वारा दावा किया जा रहा है कि, ये सब एक बड़ी साजि़श के तहत किया जा रहा था।

वहीं इस मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि, एजेंसियां इस मामले की तह में जाएं, जो भी इसमें शामिल हैं उनपर कड़ा एक्शन लिया जाए।

उमर गौतम की बेटी जरीना (बदला हुआ नाम) ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि, “मेरे पिता को गिरफ्तार नहीं किया है, मेरे पिता को पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। अगले दिन जब फिर बुलाया गया तो उसके बाद हमें पता लगा कि एटीएस उन्हें लखनऊ लेकर गई है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी पिता से कोई बात नहीं हो सकी, फिर एटीएस द्वारा उनके ऊपर अलग-अलग आरोप लगाए गए, जो की गलत है। धर्मान्तरण मामले में मेरे पिता का कोई भूमिका नहीं है। जो भी वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है उन्हें ध्यान से सुना जाना चाहिए। उन वीडियो में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि उनका धर्मान्तरण किया गया है। किसी भी व्यक्ति को आप जबरन कन्वर्ट नहीं कर सकते, ये सब आस्था की बात होती है। यदि किसी के साथ जबरन ऐसा हुआ है तो वो शख्स मुकद्दमा दर्ज कराता। एक हजार व्यक्तियों में से 10 मामले तो सामने आते।”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “दूसरी ओर यदि ये दो साल से रैकेट चल रहा था तो अब तक सरकार क्या कर रही थी। सरकार सत्ता में है। जब चुनाव करीब हैं तभी ये मामला सामने क्यों आया। मेरे पिता को फंसाया जा रहा है, उनपर सभी आरोप गलत और बेबुनियाद हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमारा पाकिस्तान से कोई कनेक्शन भी नहीं है। मेरे पिता कभी पाकिस्तान नहीं गए, वो कजाकिस्तान गये थे। वहां उन्हें कजाकिस्तान एम्बसी द्वारा एक काय्र्रकम में बुलाया गया था।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उमर गौतम ने साल 2010 में दिल्ली के जामिया नगर में इस्लामी दावा सेंटर के नाम से एक केंद्र शुरू किया था, जिसके जरिए वो धर्म बदलकर मुसलमान होने वाले लोगों की मदद करते थे।

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