लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को जनता दल (यूनाइटेड) को अपनी पार्टी में विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट द्वारा लिए गए फैसलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया पार्टी का संविधान उन्हें ऐसा कोई अधिकार नहीं देता है। मपुसू्ेूह

पार्टी में विभाजन के बाद मीडिया के साथ अपनी पहली बातचीत में, उन्होंने खुद को ‘‘शेर का बेटा’’ बताया और कहा कि वह अपने पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित पार्टी के लिए लड़ेंगे। विभाजन के लिए जद (यू) को दोषी ठहराते हुए, उन्होंने इस घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भूमिका के बारे में सवालों से किनारा कर लिया और कहा कि जो हुआ है वह एक आंतरिक मामला है, जिसके लिए वह दूसरों को निशाना नहीं बनाएंगे।
पासवान ने कहा कि यह एक लंबी लड़ाई होने जा रही है। उन्होंने कहा कि क्योंकि लोजपा के स्वामित्व का दावा करने के लिए उनके नेतृत्व वाले समूह की लड़ाई पारस के नेतृत्व में पार्टी के पांच अन्य सांसदों के गुट से है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता रामविलास पासवान जब जीवित थे तब भी जद (यू) लोजपा को बांटने के काम में लगी थी, जब मैं बीमार था तब भी साजिश रची गई थी।’’
गौरतलब है कि, पिछले दिनों चिराग पासवान को अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई प्रिंस राज और तीन अन्य सांसदों द्वारा तख्तापलट का सामना करना पड़ा, उन्होंने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल पर छह पेज का पत्र शेयर किया था। 29 मार्च को अपने चाचा को लिखे पत्र में चिराग ने प्रिंस राज के खिलाफ पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत का जिक्र किया था।
बागी गुट ने मंगलवार को चिराग को लोजपा अध्यक्ष पद से हटा दिया था, जिसके बाद रामविलास पासवान के बेटे ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पांच लोकसभा सांसदों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। बता दें कि, वहीं चिराग को सोमवार को लोकसभा में लोजपा के नेता पद से हटा दिया गया है। (इंपुट: भाषा और IANS के साथ)