भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा की तरफ से लगाए गए उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि शनिवार को दिल्ली में GST काउंसिल की बैठक में उनकी आवाज और सुझावों को अनसुना कर दिया गया।

कोविड-19 रोधी टीकों पर कर नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के फैसले को ‘‘जन विरोधी’’ बताते हुए पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश की तो उनकी आवाज दबा दी गई। जीएसटी परिषद ने शनिवार को कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के साथ ही चिकित्सीय ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सांद्रकों पर कर की कटौती की लेकिन टीकों पर कर घटाने की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया।
मित्रा ने बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा, ‘‘जीएसटी परिषद द्वारा हमारी आवाज को दबाने का यह बिल्कुल जनविरोधी फैसला है। जन प्रतिनिधि होने के नाते इस कठोर फैसले को उचित ठहराने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं है।’’
इन फैसलों के खिलाफ अपनी ‘‘असहमति’’ दर्ज कराते हुए मित्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की लेकिन बैठक खत्म होने लगी और डिजिटल बैठक के लिए लिंक भी टूट गया। मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कोविड -19 से लड़ने के लिए आवश्यक सामग्री पर जीएसटी के संबंध में दो रचनात्मक विकल्पों के उनके सुझावों पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
अनुराग ठाकुर ने अमित मित्रा के लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कई ट्वीट किए और कहा कि ऐसा तो कभी नहीं हुआ और मित्रा जैसे वरिष्ठ नेता का ऐसा दावा करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण को किसी की भी बात को अनसुना करते हुए नहीं देखा।
उन्होंने कहा, “सीतारमण ने धैर्य के साथ सभी को जितना जरूरी है, बोलने का पूरा समय दिया है, फिर भले ही इससे चर्चा लंबे समय तक ही क्यों नहीं चली हो।” ठाकुर ने कहा कि जीएसटी परिषद सही तरीके से बहस करने के लिए सभी राज्यों की सामूहिक भावना का प्रतीक है और ये जारी रहेगी। इसी के साथ, उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि बैठक के दौरान मित्रा की कनेक्टिविटी अच्छी नहीं थी।
उन्होंने कहा, “वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही बैठक में चर्चा के दौरान अमित मित्रा की आवाज ठीक तरीके से नहीं आ रही थी। इस बारे में राजस्व सचिव ने उन्हें बार बार सूचित भी किया था कि बेहतर कनेक्टिविटी के लिए वह वीडियो बंद कर केवल ऑडिया में बात करें, क्योंकि उनकी लिंक बार-बार टूट रही थी।”
During the GST Council discussions today(June 12),it seemed as if the Finance Minister frm West Bengal did not have a stable VC connection.
Revenue Secy repeatedly informed him his line was breaking,that he was not properly audible & to turn off his video fr better connectivity.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 12, 2021
ठाकुर ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री के भाषण के दौरान भी किसी ने भी अमित मित्रा को बोलते नहीं सुना और दूसरे सदस्य भी इस बात की पुष्टि कर सकते हैं। मंत्री ने कहा, “जब सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल में पूछा कि क्या कोई और कुछ बोलना चाहेगा, तब भी मित्रा चुप रहे और कुछ नहीं बोले। बैठक में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता और सभी को बोलने का समय दिया जाता है।” उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण धैर्य के साथ सभी की बातें सुनती हैं और उन्होंने कभी किसी की भी बात को नहीं काटा।
At the end of the discussion, when FM @nsitharaman ji asked the Council whether anyone would like to speak & add their comments, Dr Mitra ji again remained silent and did not speak up.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 12, 2021