सुप्रीम कोर्ट के 44 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित, अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी सुनवाई

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देश में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के 44 कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के मद्देनजर सभी न्यायाधीश सोमवार को अपने-अपने घरों से अदालतें लगाएंगे और शीर्ष अदालत की पीठें अपने निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से सुनवाई के लिए बैठेंगी।

सुप्रीम कोर्ट

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने को लेकर मीडिया में आई कुछ खबरों पर शीर्ष अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में 44 कर्मचारी संक्रमित मिले हैं। शीर्ष अदालत में करीब 3,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

जहां कुछ न्यायाधीश अदालती कार्यवाही के लिए शीर्ष अदालत के परिसर में आ रहे थे वहीं कुछ अन्य न्यायाधीश अब भी अपने-अपने घरों से अदालतें लगा रहे थे। कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच, शीर्ष अदालत ने दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। इनमें से एक में कहा गया है कि जो पीठें सुनवाई के लिए साढ़े 10 बजे और 11 बजे बैठती हैं वे सोमवार को अपने निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से बैठेंगी।

सभी न्यायाधीश अपने-अपने निवास स्थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले सुनेंगे और इस बीच, अदालती कक्षों के साथ ही समूचे न्यायालय परिसर को संक्रमण मुक्त किया जा रहा है। अन्य अधिसूचना में वकीलों द्वारा अत्यावश्यक मामलों का अदालत आकर उल्लेख करने पर सोमवार से लेकर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना महामारी से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पंजाब में सबसे अधिक मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार इस बीच देश में 1,68,912 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 35 लाख 27 हजार 717 हो गई है।

वहीं इस दौरान 75,086 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक 1,21,56,529 मरीज कोरोनामुक्त भी हो चुके हैं। सक्रिय मामले 92,922 बढ़कर 12,01,009 हो गये हैं। इसी अवधि में 904 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,70,179 हो गई है। देश में रिकवरी दर आंशिक घटकर 89.86 फीसदी और सक्रिय मामलों की दर बढ़कर 8.88 प्रतिशत हो गया है जबकि मृत्युदर घटकर 1.26 फीसदी रह गई है।

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