“कर्म किराये का बहीखाता, इससे कोई नहीं बच सकता”: राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में एक बिचौलिए को 11 लाख यूरो (करीब 9.5 करोड़ रुपये) का भुगतान किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक खबर को लेकर मंगलवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि व्यक्ति जो कर्म करता है उसका फल सामने आ जाता है तथा इससे कोई बच नहीं सकता।

राहुल गांधी

राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कर्म- किये कराये का बही खाता। कोई इससे बच नहीं सकता।’’

बता दें कि, फ्रांस की समाचार वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ ने एक बार फिर से राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार की आशंकाओं के साथ कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। वेबसाइट ने दावा किया गया है कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट को भारत में एक बिचौलिए को एक मिलियन यूरो ‘बतौर गिफ्ट’ देने पड़े थे। फ्रांसीसी मीडिया के इस खुलासे के बाद एक बार फिर दोनों देशों में राफेल की डील को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

बता दें कि, राफेल डील को लेकर पिछले कई सालों से भारत में राजनीति गर्म रही है और फ्रेंच वेबसाइट के खुलासे के बाद एक बार फिर से हंगामा होना तय माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल सौदे में हुए भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था। भारत के कई राज्यों में अभी चुनाव चल रहे हैं, लिहाजा विपक्ष राफेल डील को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार को फिर से घेरने की कोशिश करेगी।

कांग्रेस ने इस खबर का का हवाला देते हुए सोमवार को इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की थी तो भाजपा ने आरोपों को ‘पूरी तरह निराधार’ करार देते हुए आरोप लगाया था कि मुख्य विपक्षी पार्टी सुरक्षा बलों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला संवाददाताओं से कहा था कि फ्रांस के एक समाचार पोर्टल ने अपने नये खुलासे से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस रुख को सही साबित किया है कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।

इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले की जांच कराने संबंधी मांग को खारिज कर दिया था और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इसमें कुछ गलत नहीं पाया था।

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