मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने CBI को परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की 15 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का सोमवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंड पीठ ने कहा कि यह ‘‘असाधारण’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने का निर्देश दिया।
पीठ तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। इनमें एक याचिका खुद सिंह ने जबकि दूसरी याचिका शहर की वकील जयश्री पाटिल और तीसरी एक शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी जिनमें अलग-अलग कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने तीनों याचिकाओं का निस्तारण किया।
गौरतलब है कि, 25 मार्च को परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा। मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है।
बता दें कि, एंटीलिया केस में मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को ट्रांसफर कर दिया गया था। इस मामले में पूर्व कमिश्नर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। इसमें दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था। इसके साथ ही उन्होंने देशमुख पर कई अन्य आरोप भी लगाए थे।