उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा और सरधना इलाके से भाजपा विधायक संगीत सोम, साध्वी प्राची समेत 12 नेताओं को राहत मिली है। इन सभी के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा वापस लेने की सहमति दे दी है।

मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत ने 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के मामले में यूपी के मंत्री सुरेश राणा, भाजपा विधायक संगीत सोम, पूर्व भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह और विहिप नेता साध्वी प्राची समेत 12 भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का मामला वापस लेने की अनुमति दे दी है। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राम सुध सिंह ने सरकारी वकील को शुक्रवार को मामला वापस लेने की अनुमति दे दी।
जिला सरकार के वकील राजीव शर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने एवं लोक सेवक को कर्तव्य करने से रोकने के संबंध में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि इन लोगों ने एक महापंचायत में भाग लिया और अगस्त 2013 के आखिरी सप्ताह में अपने भाषणों के जरिए हिंसा भड़काई थी।
सरकारी वकील ने अदालत में याचिका दायर की थी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भाजपा नेताओं के खिलाफ अभियोग आगे नहीं बढ़ाने का जनहित में फैसला किया है और अदालत को इस मामले को वापस लेने की याचिका मंजूर करनी चाहिए।
दरअसल, 27 अगस्त 2013 को मलिकपुरा इलाके के रहने वाले ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में सितंबर 2013 में नंगला मंदौड में महापंचायत हुई थी।ऐसा माना जाता है कि इसी पंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था। इस साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई थी और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। (इंपुट: भाषा के साथ)