राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का खुलकर बचाव किया। इस मामले में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए शरद पवार ने सोमवार (22 मार्च) को कहा कि देशमुख के इस्तीफे का सवाल पैदा नहीं होता। इसके साथ ही साथ ही उन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र की टाइमिंग पर सवाल उठाए। पवार ने सिंह के पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिट्ठी में देशमुख और वाजे के बीच मुलाकात के जिस समय का उल्लेख किया गया है उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे।
पवार ने कहा कि चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कहा है कि फरवरी में देशमुख और वाजे की मुलाकात हुई थी लेकिन उस समय अनिल अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने कहा कि देशमुख और वाजे के बीच फरवरी में कोई बातचीत नहीं हुई थी। राकांपा नेता ने देशमुख के इस्तीफे की मांग को भी खारिज किया। पूर्व कमिश्नर की चिट्ठी के बाद भाजपा उद्धव सरकार पर हमलावर है और देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है। जबकि राकांपा और शिवसेना का कहना है कि यह महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की एक ‘साजिश’ है।
बता दें कि, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया था। परमबीर सिंह को हाल में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था।
वहीं, पवार के दावे पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाया है। अपने एक ट्वीट में फड़णवीस ने कहा, ‘शरद पवार का कहना है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी तक होम क्वरंटाइन में थे लेकिन वास्तव में इस दौरान वह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ संवाददाता सम्मेलन में नजर आए।’ फड़णवीस ने देशमुख का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह पत्रकारों से बातचीत करते नजर आए हैं।
Shri Sharad Pawar ji said, from 15th to 27th February HM Anil Deshmukh was in home quarantine.
But actually along with security guards & media he was seen taking press conference! https://t.co/r09U8MZW2m— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) March 22, 2021
वहीं, शिवसेना ने सोमवार को कहा कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के पास ‘‘अच्छा खासा’’ बहुमत है और महज ‘‘एक अधिकारी’’ के कारण सरकार नहीं गिरेगी। हालांकि, दल ने यह माना कि मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह के राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए आरोपों की वजह से मंत्रालय की छवि खराब हुई है। शिवसेना ने यह भी कहा कि यह मुद्दा पार्टी नीत सरकार के लिए ‘‘प्रतिष्ठा का प्रश्न’’ बन गया है।
गौरतलब है कि, शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक दिन पहले देशमुख के इस्तीफे की संभावना से इनकार कर दिया था। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में पार्टी ने कहा कि एमवीए सरकार को प्राप्त बहुमत को यदि भाजपा कमतर करने के प्रयास करेगी तो इससे आग भड़क जाएगी। एमवीए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है।