कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) के साथ पार्टी के गठबंधन करने पर सवाल उठाया है। आनंद शर्मा ने गठबंधन को पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ बताया है। उन्होंने मांग की है कि ISF से गठबंधन की चर्चा कांग्रेस कार्य समिति में होनी चाहिए।
फाइल फोटोपश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी के ISF से गठबंधन पर आनंद शर्मा ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, “आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।”
सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) March 1, 2021
आनंद शर्मा के इन ट्वीट पर पश्चिम बंगाल से वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे राज्य के लिए पार्टी के इंचार्ज हैं और बिना किसी अनुमति के अपने दम पर कोई फैसला नहीं लेते। यह फैसला हाईकमान का है।
गठबंधन के नेताओं ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में बड़ी रैली की थी। कांग्रेस बंगाल में ISF के अलावा लेफ्ट के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी को उन 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल है जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और शीर्ष नेतृत्व को लेकर कुछ सवाल किए थे।