प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छात्र संगठन ABVP का सूपड़ा साफ हो गया है। वाराणसी में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई की ऐतिहासिक जीत हुई है। इस चुनाव में NSUI और समाजवादी पार्टी की छात्र यूनिट के पैनल को बड़ी सफलता मिली है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हुए छात्र संघ चुनाव में अधिकांश सीटों पर कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने जीत दर्ज की है। एनएसयूआई के उम्मीदवारों ने उपाध्यक्ष और महासचिव के पदों पर जीत हासिल की। चुनाव नतीजे से एबीवीपी को बड़ा झटका लगा है। NSUI के उम्मीदवारों ने संकाय प्रतिनिधि के रूप में भी आठ में से छह सीटें जीती हैं। एनएसयूआई की जीत और एबीवीपी की हार महत्वपूर्ण है क्योंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
छात्रसंघ अध्यक्ष पद की रेस समाजवादी पार्टी (सपा) के विमलेश यादव जीत गए हैं। वहीं, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) को दो सीटों में जीत मिली है। इनमें उपाध्यक्ष संदीप पाल और महामंत्री प्रफुल्ल पांडेय हैं। वहीं, पुस्तकालय मंत्री का चुनाव आशीष गोस्वामी जीत गए हैं, जो निर्दल उम्दमीदवार थे।
बता दें कि, बीते मंगलवार छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी और नतीजे 25 फरवरी की शाम के घोषित हुए। छात्रसंघ चुनाव में भाजपा और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्या परिषद) को एक भी सीट हासिल नही हो सकी।
एबीवीपी 2017 में भी छात्र संघ चुनाव हार गई थी। कांग्रेस एनएसयूआई की जीत को युवाओं के बदलते मूड के संकेत के रूप में देखती है और पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़े लाभ की उम्मीद कर रही है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)