उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50 साल की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ हुए दर्दनाक सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया है, इस जघन्य वारदात ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। वहीं, गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी बदायूं पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने एक विवादित बयान दे दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा हैं।
मामले की जांच करने के लिए बदायूं पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहती हैं, “किसी के प्रभाव में महिला को समय-असमय नहीं पहुंना चाहिए। सोचती हूं, अगर शाम के समय में वो महिला नहीं गई होती या फिर परिवार का कोई सदस्य बच्चा उनके साथ होता तो शायद ऐसी घटना नहीं हुई होती।” चंद्रमुखी अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई, लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं।
BIZARRE: NCW member Chandramukhi lectures women on timings of them venturing out, says the Badaun incident wouldn’t have happened had the women not gone out alone in EVENING!
She was sent by NCW to visit the kin of victim in Badaun. pic.twitter.com/jUpltuBtea
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) January 7, 2021
वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा, “बताइए !! #BudaunGangrape की जाँच करने गई राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी कह रही हैं कि महिला को शाम को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए था या बेटे को साथ ले जाती। आपके सूचनार्थ रेखा शर्मा”
बताइए !! #BudaunGangrape की जाँच करने गई राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी कह रही हैं कि महिला को शाम को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए था या बेटे को साथ ले जाती। आपके सूचनार्थ @sharmarekha ( video @scribe_prashant ) pic.twitter.com/u2c8Ik69OX
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 7, 2021
एक अन्य यूजर ने लिखा, “शर्मनाक और दुर्भाग्य। अब जब कि राष्ट्रीय महिला आयोग का यही मानना है तो फिर बहुत ही दुखद है। ऐसे आयोग को सबसे पहले खत्म हो जाना चाहिए।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “तो क्या अब हिंदू महिला अकेली मंदिर भी नहीं जा सकती? तो मंदिर बना क्यों रहे हो? आप तो कहते हो की, मंदिर में भगवान रहते हैं! तो फिर ये शैतान कहां से आ गया? वो भी भगवान का पुजारी!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “बेशर्म कहीं के! एक महिला होकर भी सरकार की तरफदारी में बोल रही है, अगर इनके घर का सदस्य होता तो ये लोग क्या करते। फिर भी यही कहती कि असमय मंदिर में नहीं जाती तो ये घटना नहीं होती।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “इसका मतलब साफ है ये लोग भी मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं को अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि वो सुरक्षित नहीं हैं?”
बता दें कि, बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से दुष्कर्म की रूह कपा देने वाली घटना सामने आई थी। यहां एक 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप किया गया था और इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। खबरों के अनुसार दरिंदों ने प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज भी डालने की कोशिश की थी। आंगनबाड़ी सहायिका के शरीर के अन्य हिस्सों में भी गम्भीर चोटें आई थी।
बदायूं पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, इस वारदात का मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण अभी भी फरार है, जिसपर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। इस मामले के शुरूआती दौर में पुलिस का रवैया भी निंदनीय रहा है। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को एसएसपी संकल्प शर्मा ने निलंबित कर दिया है।