प्रियंका गांधी ने BJP पर साधा निशाना, बोलीं- किसानों की आवाज सुनें और तीनों कृषि कानूनों को वापस ले सरकार

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में सोमवार को केंद्र सरकार एवं भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को अन्नदाताओं की आवाज सुननी चाहिए और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।

प्रियंका गांधी

पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए। यह कहना एकदम गलत है कि यह (आंदोलन) राजनीतिक साजिश है। जिस तरह के शब्द ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वो पाप है। किसान का बेटा सीमा पर खड़ा है। किसान देश का अन्नदाता है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘सरकार किसानों के प्रति जवाबदेह है। किसानों से बातचीत करनी चाहिए। उनकी आवाज सुननी चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए।’’

इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए एक भाषण का पुराना वीडियो साझा किया और आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर वह ‘‘राजनीति’’ कर रहे हैं। एक मिनट और सात सेकेंड के इस वीडियो में राहुल गांधी किसानों को बिचौलियों से बचाने के लिए उन्हें उत्पादों को सीधे कारखानों में बेचने की आवश्यकता की पैरवी करते दिख रहे हैं।

गौरतलब है कि, सितंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान संगठन पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस आंदोलन का समर्थन किया है जबकि सरकार ने इन नए कृषि कानूनों को बड़े सुधार के रूप में पेश किया है, जिसका मकसद किसानों की मदद करना है। प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि इससे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी, जिससे उन्हें बड़े कॉरपोरेट की दया पर निर्भर रहना पड़ेगा। (इंपुट: भाषा के साथ)

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