उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के फोटो पत्रकार रवि चौधरी और उनकी मंगेतर पर दो दिन पहले हुए हमले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
पत्रकार रवि चौधरी और उनकी मंगेतर सोमवार को मुरादनगर थाना क्षेत्र में एक मोटरसाइकिल से गंगा कनाल रोड से गुजर रहे थे, तभी एक एसयूवी (वाहन) पर सवार कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनसे झगड़ा किया था। चौधरी के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने पहले तो प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया, लेकिन बाद में कार्रवाई करने का आासन दिया। चौधरी द्वारा हाल ही में ली गई एक तस्वीर चर्चा में रही थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी, विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान पर लाठी भांजते हुए दिख रहा था।
गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया, ‘‘निवारी जाने वाली गंगा कनाड रोड से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है, जबकि मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अंकित (21) और निक्की सिंह (22) के तौर पर की गई है। दोनों मेरठ जिले के निवासी हैं।’’
पुलिस ने बोलेरो (एसयूवी) भी जब्त कर ली है। पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 147, 323, 504 और धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इससे पहले, गाजियाबाद पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मंगलवार को ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी। पुलिस द्वारा तत्परता से की गई कार्रवाई में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और घटना में इस्तेमाल बोलेरो कार जब्त कर ली गई। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।’’
प्रकरण में कल ही fir दर्ज कर ली गई थी। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दो आरोपियों को गाड़ी बोलेरो सहित गिरफ्तार कर लिया गया है। वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। pic.twitter.com/DGbSTexFyl
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) December 9, 2020
चौधरी के अनुसार घटना गंगा कनाल रोड पर हुई थी। पत्रकार का आरोप है कि, बोलेरो के चालक ने उन्हें रोका और अपशब्द कहे। चौधरी द्वारा विरोध करने पर कार चालक ने वाहन का दरवाजा खोल दिया और आगे जाने से रोका। फोटो पत्रकार ने कहा कि तीन चार लोग वाहन से बाहर आ गए और उन्हें पीटने लगे, जबकि कुछ लोग गाड़ी के भीतर मौजूद थे। चौधरी ने कहा कि जब वह और उनकी मंगेतर घटनास्थल से जा रहे थे, तो बोलेरो पर सवार लोगों ने कुछ दूर तक उनका पीछा भी किया। (इंपुट: भाषा के साथ)