कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति के डांवाडोल हालत को देखते हुए समझ नहीं आ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास हो रहा है या विनाश। राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर एक बार फिर घेर है।

राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी तो पहले से ही गिरावट पर और बेरोजगारी चरम पर थी लेकिन अब महंगाई भी आसमान छूने लगी है। बैंक मुसीबत में आ गए हैं और लोगों का पैसा बैंकों में फंस गया है। उन्होंने सामाजिक स्थिति को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि सामाजिक न्याय को जिस तरह से कुचला जा रहा है और इससे जो हालात बने रहे हैं उन्हें देखते हुए लोगो का मनोबल टूट रहा है और सरकार से विश्वास खत्म हो रहा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “बैंक मुसीबत में हैं और जीडीपी भी। महंगाई इतनी ज्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोजगारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है। विकास या विनाश।”
बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महँगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है।
विकास या विनाश?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 18, 2020
गौरतलब है कि, जीडीपी ऐतिहासिक गिराटव के साथ माइनस में है। देश के इतिहास में बेरोजगारी सबसे उच्च स्तर पर है। महंगाई से लोगों का बुरा है। एक के बाद एक बैंक धराशाई हो रहे हैं। इस लिस्ट में लक्ष्मी विलास बैंक का नाम भी जुड़ गया है। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। बैंक के बोर्ड को सुपरसीड कर दिया गया है और निकासी की सीमा तय कर दी गई है। ग्राहक अब 16 दिसंबर तक बैंक से अधिकतम 25 हजार रुपये की ही निकाल सकेंगे। सरकार ने रिजर्व बैंक की सलाह पर यह कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में यह जानकारी दी गई।