बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 सीटों पर सिमट जाने के बाद पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने गुरुवार को कहा कि इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई और ऐसे में उनकी पार्टी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उससे चूक कहां हुई। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एआईएमआईएम का प्रवेश शुभ संकेत नहीं है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटें जीती हैं।
कटिहार से कई बार लोकसभा सदस्य रह चुके अनवर ने ट्वीट किया, “बिहार चुनाव: भले ही भाजपा गठबंधन येन केन प्रकारेण चुनाव जीत गया,परन्तु सही में देखा जाए तो ‘बिहार’ चुनाव हार गया।क्योंकि इस बार बिहार परिवर्तन चाहता था।15 वर्षों की निकम्मी सरकार से छुटकारा-बद हाली से निजात चाहता था।”
बिहार चुनाव : भले ही भाजपा गठबंधन येन केन प्रकारेण चुनाव जीत गया,परन्तु सही में देखा जाए तो ‘बिहार’ चुनाव हार गया।क्योंकि इस बार बिहार परिवर्तन चाहता था।15 वर्षों की निकम्मी सरकार से छुटकारा-बद हाली से निजात चाहता था।
— Tariq Anwar (@itariqanwar) November 12, 2020
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमें सच को स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस के कमज़ोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया। कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन ज़रूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई?’’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश जी इस बार अंतिम रूप से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। देखते हैं कि बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी।’’
भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश जी इस बार अंतिम रूप से मुख्य मंत्री का शप्त लेंगे-देखते हैं ‘बकरे की माँ कब तक खैर मनाएँगी”।
— Tariq Anwar (@itariqanwar) November 12, 2020
गौरतलब है कि, 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा चुनाव में राजग 125 सीटें हासिल करके एक बार फिर से सरकार बनाने जा रहा है। राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन को 110 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इस गठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली।
बिहार विधान सभा के चुनाव नतीजों में 75 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि 74 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही है। नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। (इंपुट: भाषा के साथ)