पुलवामा हमले पर पाकिस्तानी संसद में इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी के बयान के बाद से भारत में भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है। फवाद चौधरी के बयान के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा की मांग है कि कांग्रेस को पुलवामा पर माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि साजिश की कहानियां बुनने और हमले को लेकर दिए गए बयानों पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। प्रकाश जावड़ेकर के इस बयान को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा से सवाल पूछा है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, “मैं अब तक समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस को किस बात की माफी मांगनी चाहिए। क्या हम हमारे जवानों को सुरक्षित रखने की सरकार से उम्मीद करने के लिए माफी मांगे? या फिर इस राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण करने बजाये इसे लेकर चिंता जताने के लिए माफी मांगे या फिर हमारे शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए।”
शशि थरूर ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि वे अभी भी पुलवामा मामले में आधिकारिक जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें कुछ अहम सवालों के जवाब मिल सकें। कांग्रेस नेता ने कहा कि पाकिस्तान की दगाबाजी कोई खबर नहीं है, खबर तब होगी, जब मोदी सरकार इस बारे में उचित जवाब देंगे।
I am also still waiting for the official inquiry into this tragedy to give the nation answers to these vital questions. Pakistani perfidy is not news. The Modi government providing honest explanations for these queries would be news indeed: pic.twitter.com/3Qa3A9Jkg5
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 31, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट में कहा था कि पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले में अपना हाथ होने की बात मान ली है। अब कांग्रेस और अन्य लोगों को, जिन्होंने साजिश की कहानियां बुनी थी, अपने बयानों को लेकर देश से क्षमा मांगनी चाहिए।
पाकिस्तान ने माना कि पुलवामा में हमला उन्होंने किया। अब कांग्रेस वाले और बाक़ी लोग जो साजिश की बात करते थे उनको देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 30, 2020
गौरतलब है कि, पिछले साल 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले से लड़ा दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।