जमीन विवाद की सुनवाई कथित रूप से नहीं होने से परेशान हो कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के सामने बेटी के साथ आत्मदाह का प्रयास करने वाली अमेठी की रहने वाली महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
लखनऊ स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) को बताया कि सफिया (50) ने अस्पताल में उपचार के दौरान मंगलवार सुबह पौने बारह बजे दम तोड दिया। उसकी बेटी का इलाज चल रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने मृतक महिला के परिवार को दो लाख रुपये की मदद की घोषणा की है।
Samajwadi Party announces Rs 2 lakh financial assistance to the family of the woman who succumbed after she attempted self immolation near Lok Bhawan on 17th July.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 22, 2020
बता दें कि, सफिया और उनकी बेटी ने 17 जुलाई को मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। अमेठी की रहने वाली मां-बेटी ने भूमि विवाद में कथित रूप से पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में उक्त कदम उठाया था। यह घटना अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई थी, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं। लोकभवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पाण्डेय ने पिछले हफ्ते कहा था कि प्रथम दृष्टया यह घटना साजिश का हिस्सा नजर आती है। उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने मां-बेटी को उकसाया था। इस प्रकरण में चार लोगों आस्मां, सुल्तान, ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के जिलाध्यक्ष कदीर खान और कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अनूप पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पाण्डेय ने दावा किया कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि दोनों महिलाएं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय जाकर अनूप पटेल से मिली थीं।
कांग्रेस ने हालांकि आरोप लगाया कि पुलिस उसके नेताओं को फंसाने का प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि पुलिस कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता का नाम इसलिए इस घटना में खींच रही है ताकि प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था की स्थिति को छिपाया जा सके।