उत्तर प्रदेश के अमेठ जिले की एक महिला और उसकी बेटी ने शुक्रवार शाम को राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा के गेट नंबर 3 के बाहर खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया। दोनों ने मिट्टी का तेल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। आग लगने से दोनों चीखने चिल्लाने लगीं इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में पुलिस ने मां-बेटी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
मीडिया से बात करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) नवीन अरोड़ा ने कहा कि, “एक महिला को पुलिस ने बचा लिया, दूसरी महिला की हालत गंभीर में है। दोनों का COVID-19 टेस्ट भी किया जाएगा। दोनों को सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। वहीं, इस मामले में अब सियासत भी गरमा गई हई। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने इस मसले पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहाँ बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है!”
लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं.
क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है !
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2020
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, “जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर माँ-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुनः न हों।”
जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर माँ-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुनः न हों।
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, शुक्रवार देर शाम राजधानी लखनऊ में लोकभवन के सामने उस समय हड़कंप मच गया, जब अमेठी की रहने वाली एक मां-बेटी धू-धूकर जलने लगीं और इधर-उधर भागने लगीं। इस दौरान सड़क पर वाहनों की रफ्तार रुक गई और लोग तमाशा देखने लगे। आग लगने के बाद मां-बेटी बुरी तरह झुलस गईं। पुलिस ने दोनों को फ़ौरन सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि दोनों पीड़िताएं अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। आरोप है कि दबंगों ने नाली को लेकर हुए विवाद में उनके साथ मारपीट की थी। दोनों जिला प्रशासन से लेकर हर जगह न्याय के लिए महीनों से चक्कर काट रही थीं लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। फिलहाल पुलिस उनके होश में आने का इंतजार कर रही है।
घायल मां-बेटी की रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि करीब एक माह पूर्व नाली के विवाद में गांव के रहने वाले अर्जुन, भीम, मिलन और राजकरण ने उन लोगों को मारा-पीटा था। जिसकी शिकायत पुलिस और प्रशासन में पीड़िता ने की लेकिन न्याय नहीं मिला।