केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार (15 जुलाई) को कहा कि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। उनकी यह प्रतिक्रया तब आई जब कांग्रेस के बागी नेता ने साफ किया कि वह भगवा खेमे में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ही गहलोत सरकार की विदाई के दिन गिन रही है। वो दिन कितने होंगे, ये तो आना वाला समय ही बताएगा।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को उनकी ओर से दी गई उस प्रतिक्रिया का अभिप्राय ये नहीं निकाला जाना चाहिए कि भाजपा उनके (पायलट) स्वागत को ’’आतुर’’ है। दरअसल, शेखावत ने एक दिन पहले कहा था कि विचारधारा के प्लेटफार्म पर कोई भी जनाधार वाला व्यक्ति यदि पार्टी से जुड़ता है तो यह प्रसन्नता का विषय है। बयान के मुताबिक शेखावत ने कहा, ‘‘हमारे प्रदेश अध्यक्ष या कोई भी वरिष्ठ नेता ने निश्चित रूप से इसी भाव के साथ ये कहा होगा। लेकिन उसका अभिप्राय ये लेना कि हम बाहें पसार कर स्वागत कर रहे हैं या हम ‘कारपेट’ बिछाकर आतुर हैं कि वो हमारे यहां आएं, इस तरह नहीं लिया जाना चाहिए।’’
राजस्थान के जोधपुर से सांसद शेखावत ने उन खबरों का भी खंडन किया जिनमें कहा जा रहा था कि सचिन पायलट भाजपा नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पायलट ने खुद स्पष्ट किया है कि वे किसी से संपर्क में नहीं रहे।’’ शेखावत ने अपने बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने के बाद वे उन्हें कांग्रेस से बाहर करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पायलट को अभी उप मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ के पद से हटाया गया है, लेकिन अभी तो उन्हें कांग्रेस से बाहर करने तक लड़ाई लड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ताजा बयान उसका स्पष्ट संकेत है।’’
बता दें कि, गहलोत ने बुधवार को कहा था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के प्रयास हो रहे थे और उनके पास इसके सबूत हैं। इसके साथ ही गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे। गहलोत के खरीद-फरोख्त संबंधी आरोपों के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि यदि मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी थी तो उन्होंने इसका खुलासा पहले क्यों नहीं किया।
हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए, 40 साल से अधिक राजनीति करते हो गए, ये नई पीढ़ी जो आई है, हम उनको प्यार करते हैं, आने वाला कल उनका है। pic.twitter.com/gZktuwuMY1
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 15, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘इतने दिन तक उन सबूतों को क्यों छिपाकर रखा गया। कौन-कौन और लोग इसमें लिप्त हैं। किन-किन लोगों के माध्यम से ये किया गया। इस सब की जानकारी आपको पहले से थी तो आपने पहले खुलासा क्यों नहीं किया। ये किसके साथ साझा किया था, आपको अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’ शेखावत ने कहा कि जनता गहलोत सरकार की विदाई के दिन गिन रही है। वो दिन कितने होंगे, ये तो आना वाला समय ही बताएगा।
कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर शेखावत ने कहा, ‘‘समय आने दीजिए, वो भी हो जाएगा। इसमें किसी को कोई अंदेशा नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘डंडे के जोर से विधायकों को बांधकर रखा गया है। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि इस 21वीं शताब्दी में विधायकों को जबर्दस्ती अगवा करके पुलिस के माध्यम से कैंप में डाला जा रहा है। इससे शर्मनाक शायद कुछ हो नहीं सकता है।’’
गौरतलब है कि, अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को कड़ी कार्रवाई की। पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया। सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है। पायलट के स्थान पर गोविंद डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बता दें कि, उप मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने स्पष्ट किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं हो रहे हैं। माना जा रहा है कि वह जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेंगे।