बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना वायरस संकट के दौरान अपने यहां के अस्पतालों को केवल दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने के फैसले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार (8 जून) को एक ट्वीट में केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा “दिल्ली देश की राजधानी है। यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है, दिल्ली सरकार क्या उसका इलाज नहीं होने देगी? यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बसपा अध्यक्ष ने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिए। मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, अनलॉक-1 के तहत धार्मिक स्थल तथा कुछ अन्य प्रतिष्ठान खोले जाने के मद्देनजर लोगों को नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा “अनलॉक-1 के तहत आज से जो भी स्थल व बाजार आदि खोले जा रहे हैं वहाँ जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिये। यदि बहुत जरूरी है, तभी वहाँ जाएं वरना जाने से बचें। बसपा की उनके हित में यही सलाह है।”
2. दिल्ली देश की राजधानी है। यहाँ पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है इसलिए दिल्ली सरकार उसका इलाज नहीं होने देगी, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये।
— Mayawati (@Mayawati) June 8, 2020
गौरतलब है कि, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कोरोना संकट के दौरान सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों को दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है। सरकार ने इस फैसले के साथ कुछ दस्तावेजों को की सूची तैयार की है जिसके आधार पर आपको दिल्लीवाला मानकर इलाज किया जाएगा। इसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक समेत लगभग वह सभी दस्तावेज शामिल है जो कि बतौर एड्रेस प्रूफ या फिर मतदान के समय मान्य होते है। इसमें बिजली व पानी का काबिल भी शामिल है। सभी दस्तावेज दिल्ली के होने चाहिए।