केरल में एक गर्भवती हथिनी मानवीय क्रूरता का शिकार हो गई, उसे किसी व्यक्ति ने पटाखे से भरा अनानास खाने को दिया जिसकी वजह से वह बुरी तरह से घायल हो गई और उसकी मौत हो गई। गर्भवती हथिनी की भीषण हत्या से सोशल मीडिया पर लोगों की गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने पटाखों से भरे अनानास को खिलाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। लेकिन, इस बीच भारत की दक्षिणपंथी ब्रिगेड ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की, जो पूरी तरह से क्रूर कार्य था। भारत में दक्षिणपंथी लोगों ने पशु क्रूरता को सांप्रदायिक बनाने के लिए सोशल मीडिया पर एक संदिग्ध अभियान भी चलाने की कोशिश की।
इस्लाम के खिलाफ ज़हर उगलने वाले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतह ने अपने ट्वीट में लिखा, “पटाखों से भरे अनानास के साथ एक गर्भवती हाथी को खिलाने और उसे मारने का अत्याचार, भारत के केरल राज्य के मल्लापुरम जिले में हुआ। यह जिला 70% से अधिक मुस्लिम आबादी वाला राज्य का एकमात्र मुस्लिम बहुल जिला है। कितनी संभावनाएं हैं?”
एक अन्य ज्ञात दक्षिणपंथी व्यक्ति अरुण पुदुर ने भी इस घटना को लेकर सांप्रदायिक रंग जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, केरल के मलप्पुरम में गर्भवती हथिनी को पटाखे से भरा अनानास खिलाया गया। वह विस्फोट हुआ लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचा। वह नदी में चली गई और चुपचाप मर गई। अब मुझे 100% साक्षरता के बारे में बताएं और मल्लपुरम में बहुमत कौन है?”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सासंद मेनका गांधी सहित कई अन्य लोग ऐसे थे, जिन्होंने गर्भवती हाथी की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए मल्लपुरम का विशेष उल्लेख किया था। सवाल यह है कि गर्भवती हथिनी की हत्या पलक्कड़ में हुई थी, न कि मल्लपुरम में जैसा कि दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा दावा किया जा रहा है।
What is the use of 100% literacy when people forget humanity and feed a pregnant elephant explosives to watch it die?
This incident has filled my heart with so much sorrow that I hang my head in shame for being a fellow human.— bhaavna arora (@BhaavnaArora) June 2, 2020
Mallapuram is know for its intense criminal activity specially with regards to animals. No action has ever been taken against a single poacher or wildlife killer so they keep doing it.
I can only suggest that you call/email and ask for action pic.twitter.com/ii09qmb7xW— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) June 3, 2020
Mallapuram is a minority hotbed. Need I say more? https://t.co/ZEYdwalVIA
— Moral Victory ???????? (@lakshmianand96) June 3, 2020
वन्य अधिकारी मोहन कृष्णा द्वारा इस संबंध में फेसबुक पर भावनात्मक पोस्ट करने के बाद यह मामला लोगों के संज्ञान में आया। उन्होंने वेलियार नदी में हथिनी की मौत को लेकर पोस्ट लिखा था। उन्होंने लिखा, ‘‘जब हमने उसे देखा तो वह अपना मुंह पानी में डाले खड़ी थी। उसके अंदर यह भावना आ गई थी कि वह अब मरने वाली है। और वह खड़े होकर जलसमाधि में चली गई थी।’’ हथिनी को पानी से निकाल कर किनारे लाने के कार्य के लिए तैनात कृष्णा ने पानी में खड़ी हथिनी की तस्वीर भी साझा की है।
‘द हिंदू’ और ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे प्रमुख समाचार वेबसाइट ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हथिनी की मौत मलकापुरम जिले से लगभग 80 किलोमीटर दूर पलक्कड़ में पटाखे से भरे अनानास के खाने से हुई। समाचार एजेंसियों आईएएनएस ने पलक्कड़ के साइलेंट वैली नेशनल पार्क के वन्यजीव वार्डन सैमुअल पचुआ से बात की। साइलेंट वैली नेशनल पार्क, पलक्कड़ के वाइल्डलाइफ़ वार्डन सेमुअल पचाऊ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा गया कि इसके पीछे एक गंभीर अपराध था। उन्होंने कहा, यह पिछले महीने की 23 तारीख को हुआ था।
सेमुअल पचाऊ ने बीबीसी हिंदी से बात करते हुए कहा, ‘हमें वो जगह नहीं मिली है जहां वो घायल हुई थी, वो सिर्फ़ पानी ही पी रही थी, शायद इससे उसे कुछ राहत मिल रही हो। उसके पूरे जबड़े को दोनों तरफ़ गंभीर चोट पहुंची थी, उसके दांत भी टूट गए थे।’ पल्लकड़ ज़िले की मन्नारकड़ इलाक़े के वन अधिकारी सुनील कुमार ने बीबीसी से कहा, ‘वन विभाग के अधिकारियों को यह हथिनी 25 मई को मिली थी जब यह भटक कर पास के खेत में पहुंच गई थी, शायद वो अपने गर्भस्थ शिशु के लिए कुछ खाना चाह रही थी।’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि, “वानिकी के अधिकारियों ने कहा कि यह घटना 23 मई को दक्षिणी भारत के केरल राज्य के पलक्कड़ जिले में खेत के पास हुई जहां स्थानीय लोग कभी-कभी पटाखों के साथ फल बिखेरते हैं, जो फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जानवरों को हतोत्साहित करते हैं।”
इसलिए हमारी जांच यह साबित करती है कि मल्लापुरम के बारे में भारत की दक्षिणपंथी ब्रिगेड द्वारा की गई दावा FAKE है।