केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रचार के रूप में उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि वायनाड में फंसे अमेठी के कुछ मजदूरों की मदद के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सामने आईं। बता दें कि, वायनाड से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं। वही, अमेठी से स्मृति ईरानी सांसद हैं।

दरअसल, सोमवार (6 अप्रैल) को आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने एक रिपोर्ट छापी थी। जिसका टाइटल था, ‘स्मृति ईरानी ने अमेठी के मजदूर जो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में फंसे थे, की मदद की।’ रिपोर्ट में कहा गया था कि स्मृति ईरानी राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में फंसे अमेठी के मजदूरों की मदद कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि स्मृति ईरानी ने सही समय पर पूरे मामले में हस्तक्षेप किया और 35 मजदूर जोकि मलप्पुरम में फंसे थे, उनकी मदद की। लेकिन इस दावे को केरल के मुख्यमंत्री ने गलत बताया है।
एनडीटीवी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री पी विजयन ने कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक के बाद मीडिया सामने इस खबर का खंडन किया। बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब हमने इसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि 41 प्रवासी मजदूर एक जगह पर एक साथ रह रहे थे। पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें 25 किट सौंपी क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह खुद से खाना बना लेंगे। उनके पास खाने की कोई कमी नहीं है।’
सीएम विजयन ने आगे कहा, ‘हम देख रहे हैं कि आर्गेनाइजर द्वारा इस प्रचार का तरीका अपनाया गया है। जिसके बाद यह फैलाया गया है कि स्मृति ईरानी के समय रहते हस्तक्षेप करने पर अमेठी के भूखे मजदूरों की मदद की गई। मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों व राज्य के लोगों की हर संभव मदद कर रही है। इस समय इस तरह का कोई मुकाबला नहीं होना चाहिए या दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए या राज्य सरकार के प्रयासों को नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए।’
बता दें कि, यह खबर इसलिए सुर्खियों में आ गई क्योंकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं और ईरानी ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को उनके तीन बार के संसदीय क्षेत्र अमेठी से हराया था।


















