अक्सर भारतीयों के मजेदार जुगाड़ वाले वीडियो शेयर करने वाले मशहूर उद्योगपति और महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कोरोना वायरस को अब तक की सबसे भयावह आपदाओं में एक बताते हुए गुरुवार को सभी कर्मचारियों से कहा कि वे लॉकडाउन (बंद) में निजी व पेशेवर तौर पर खुद को भविष्य के लिए तैयार करें। बता दें कि, आनंद महिंद्रा ट्विटर पर अपने रोचक ट्विट्स और जवाबों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, उनके ट्वीट्स काफी वायरल भी होते हैं। वो हर चीज में अपनी प्रतिक्रिया देना नहीं भूलते और ट्विटर पर उनके ट्वीट्स चर्चा का विषय बन जाते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने समूह के दो लाख से अधिक कर्मचारियों को एक पत्र के माध्यम से कहा कि यह ऐसी आपदा है, जो पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने पत्र में पिछली आर्थिक मंदी के दौरान दिए गए अपने सुझाव को भी दोहराया। उन्होंने पिछली मंदी के दौरान कर्मचारियों को बताया था कि संकट के समय को किस तरह से खुद को नए सिरे से तैयार करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने अभी उपलब्ध समय को नये विचारों और नवोन्मेष में निवेश करने का सुझाव दिया। उन्होंने भविष्य के लिये बड़े सपने तैयार करने तथा संकट के समाप्त हो जाने के बाद महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाने में संकट के मौजूदा समय का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। महिंद्रा ने कहा कि यह कामकाज के लिहाज से सामान्य समय नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे संकट से जूझ रहे हैं जो पहले कभी नहीं आया। हम सभी अपने परिजनों, अपने कारोबार, अपनी अर्थव्यवस्था और अपने देश के प्रति चिंतित हैं। इसके बाद भी हम सभी वह कर रहे हैं, जो किया जा सकता है और संकट से दवाब में आये बिना इसके साथ जीना सीख रहे हैं।’’ महिंद्रा ने कहा कि इन परिस्थितियों ने हमें एक ऐसी मोहलत दी है, जिसका इस्तेमाल अच्छे के लिये किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘घर में बंद होने से हमें यह मालूम हुआ है कि हम किस तरह से पर्यावरण पर अनावश्यक बोझ डाल रहे थे। मैंने मुंबई को कभी इतना खूबसूरत नहीं देखा, जैसा अभी बंद के दौरान दिख रहा है…आसमान नीला है, हवा साफ है, सड़कों पर गंदगी नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हमें यह सब सीखने के लिए इस तरह के संकट की जरूरत है? क्या संकट के निपट जाने के बाद भी हम इस तरह से नहीं रह सकते हैं? क्या हम पर्यावरण का बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं? क्या हम कम यात्रा कर कार्बन उत्सर्जन कम नहीं कर सकते हैं? क्या हम बेहतर तरीके से काम करने तथा काम और जीवन का संतुलन बनाने के लिये दूर से ही बैठक व संवाद करने के तरीके पर अमल नहीं कर सकते हैं? सबसे महत्वपूर्ण, क्या हम जीवन जीने के व्यक्तिगत और पेशेवर रवैये को नये सिरे से तैयार नहीं कर सकते हैं?’’
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश में 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि ‘आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होगा, उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन कर्फ्यू की तरह ही होगा।’ इस लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होगी।
गौरतलब है कि, चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को मुश्किल में डाल दिया है। इस वायरस ने 180 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना वायरस से लगभग पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है और भारत देश भी इस बीमारी से जूझ रहा है। भारत में करीब 1900 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं जबकि अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।