सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: कोरोना लॉकडाउन में नहीं आए रिश्तेदार तो मुस्लिमों ने हिंदू पड़ोसी का किया अंतिम संस्कार, परिवार को हर संभव मदद का भी दिया आश्वासन

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जहां एक तरफ इस समय कुछ लोग पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों ने एकता की अनूठी मिसाल पेश की है जिसकी चारों तरफ जमकर सराहना हो रही है। कोरोना लॉकडाउन के बीच मानवता की मिसाल पेश करने वाली खबर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आई है। यहां मुस्लिम युवाओं के एक समूह ने एक किया।

अंतिम संस्कार
फोटो: सोशल मीडिया

शहर में शनिवार को दिल को छू लेने वाला एक नजारा देखने को मिला। यहां मुस्लिम युवाओं के एक समूह ने एक हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। यह घटना शहर के आनंद विहार इलाके में घटी और मामला तब सामने आया, जब परिवार ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर धन्यवाद करते हुए एक पोस्ट डाली। यहां के निवासी 73 साल के रविशंकर कैंसर से जूझ रहे थे और शनिवार को उनका निधन हो गया। कोरोना लॉकडाउन के कारण दूर रह रहे रविशंकर के परिजन दाह संस्कार में नहीं आ पाए।

तब परिवार के मुस्लिम पड़ोसी आगे आए और अंतिम संस्कार के साथ-साथ परिवार की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने ‘राम-नाम सत्य है’ का जाप करते हुए न केवल ‘शव-यात्रा’ निकाली, बल्कि हिंदू अनुष्ठान के साथ विधि-विधान से रविशंकर का अंतिम संस्कार भी किया।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद जुबैर ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, “रविशंकर हमारे पड़ोसी थे और दो दिन पहले ही उनका इंतकाल हो गया, जिसके बाद हमने उनके परिवार की मदद करने का फैसला किया। मोहल्ले के सभी मुसलमान इकट्ठा हुए और उनके पार्थिव शरीर को दाह संस्कार के लिए ले गए।आखिरकार, मानवता हर चीज से ऊपर होती है।” पड़ोसियों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है।

मृतक के बेटे प्रमोद ने कहा, “हमारे सभी मुस्लिम पड़ोसियों ने अंतिम संस्कार में हमारी मदद की, सभी ने बहुत सहयोग किया। हम चार भाई-बहन हैं और हमारी दो बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि परिवार की देखभाल करने के लिए मैं और मेरे भाई ही बचे हैं। मैं हमेशा अपने मुस्लिम पड़ोसियों का ऋणी रहूंगा, जिन्होंने इस संकट की घड़ी में हमारा साथ दिया।”

गौरतलब है कि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश में 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने मंगलवार की रात देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि ‘आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होगा, उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन कर्फ्यू की तरह ही होगा।’  इस लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्‍त होगी।

कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को शहर छोड़कर अपने-अपने घरों की ओर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बसें और ट्रेनें रद्द होने की वजह से ये मजदूर पैदल घर जाने के लिए ही मजबूर हो रहे हैं।

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