हमेशा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने मध्य प्रदेश की राजनीति में चल रहे सियासी उथल-पुथल को लेकर कुछ ट्वीट किए है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अपने ट्वीट के जरिए उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा है।

बॉलीवुड डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने की बात पर तंज कसते हुए कहा कि देश में चुनाव ही बंद कर देना चाहिए और आईपीएल ऑक्शन शुरू कर देना चाहिए। इसके साथ ही अनुभव सिन्हा ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि देश सेवा में स्वयं को समर्पित करने के लिए ऐसे में समय भी रहेगा।
अनुभव सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, “चुनाव कर देना चाहिए बंद। IPL Auction टाइप का कुछ शुरू कर देना चाहिए। चुनाव का पैसा भी बचेगा हमारा टाइम भी। ढेर भाषण और रैली भी नहीं करना होगा। देश सेवा में स्वयं को समर्पित करने में लिए समय भी रहेगा। ठीक है?”
चुनाव कर देना चाहिए बंद। IPL Auction टाइप का कुछ शुरू कर देना चाहिए। चुनाव का पैसा भी बचेगा हमारा टाइम भी। ढेर भाषण और रैली भी नहीं करना होगा। देश सेवा में स्वयं को समर्पित करने में लिए समय भी रहेगा। ठीक है?
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) March 10, 2020
इसके अलावा अनुभव सिन्हा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मतलब कमाल है। हर दूसरे महीने हमारे चुने हुए नेता बसों में भर भर के full public view में छुपाए जाते है कि कहीं बिक न जाएँ। TV उनपर चर्चा करता है, हम देखते हैं। वो बसों की खिड़कियों से victory sign दिखाते हैं मानो कह रहे हों इस बार नहीं बिक पाएँगे हम। Next Time!!!”
एक अन्य ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए उन्होंने लिखा, “और वो सिंधिया साहब कह रहे हैं कि उनको देश और समाज की सेवा करने के अवसर नहीं मिल रहे थे। रोना आ गया मुझे। सच। इतने कमिटेड लोगों को अवसर नहीं मिल रहा है देश में।”
और वो सिंधिया साहब कह रहे हैं कि उनको देश और समाज की सेवा करने के अवसर नहीं मिल रहे थे। रोना आ गया मुझे। सच। इतने कमिटेड लोगों को अवसर नहीं मिल रहा है देश में।
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) March 10, 2020
बता दें कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सिंधिया खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह कांग्रेस में रहते हुए अपने राज्य और देश की सेवा नहीं कर पा रहे हैं और अब उनके लिए आगे बढ़ने का मौका है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द की अपने समर्थकों एवं कांग्रेस के कई विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें फिलहाल खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। अगर 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की प्रभावी संख्या महज 206 रह जाएगी। उस स्थिति में बहुमत के लिये जादुई आंकड़ा सिर्फ 104 का रह जाएगा। ऐसे में, कांग्रेस के पास सिर्फ 92 विधायक रह जाएंगे, जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस को चार निर्दलीयों, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है। उनके समर्थन के बावजूद कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दूर हो जाएगी।