उत्तरपूर्वी दिल्ली हिंसा: चांद बांग इलाके से खुफिया ब्यूरो अधिकारी का शव मिलने से हड़कंप, पीट-पीटकर हत्या का आरोप

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उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 पर पहुंच गई है। वहीं, इस साम्प्रदायिक हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस बीच, दिल्ली की चांद बाग पुलिया के पास बहने वाले नाले से बुधवार दोपहर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) के एक अधिकारी का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई।

हिंसा

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार (26 फरवरी) को चांद बाग में आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के कर्मी अंकित शर्मा का शव मिला है। आशंका जताई जा रही है कि उनकी पथराव में हत्या कर दी गई थी और इसके बाद शव को पास के नाले में फेंक दिया गया। आरोप है कि मंगलवार शाम को जब वह ड्यूटी से घर लौट रहे थे, तभी चांद बाग पुलिया पर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया। उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी और इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया। शव चांद बाग पुलिया पर नाले से निकाला गया है। आईबी का अफसर अंकित चांदबाग में ही रहता था। 25 साल के अंकित आईबी में सिक्योरिटी असिस्टेंट की पोस्ट पर कार्यरत थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार ने एक स्थानीय पार्षद पर हत्या का आरोप लगाया है, जो कि ऑफिसर के घर के पास ही रहता है। अंकित के पिता रविंदर शर्मा भी आईबी में हेड कांस्टेबल हैं। उन्होंने एक आप नेता के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पिटाई के साथ अंकित को गोली भी मारी गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया है। परिजन मंगलवार से ही उनकी तलाश में थे।

बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गृहमंत्री अमित शाह की मंगलवार को अहम बैठक भी हुई थी। दोनों ने दिल्ली के हालात पर चर्चा की थी। शाह के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा था बैठक साकारात्मक रही और हिंसा को रोकने के लिए सभी जरूरी उपायों को उठाने के बारे में चर्चा हुई। दिल्ली पुलिस को शांति स्थापित करने और कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करने के लिए कहा गया है। लेकिन उसके बाद भी देर शाम तक हालात नहीं सुधरे।

गौरतलब है कि, बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में हिंसा फैली थी। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगाई गई। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी। पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं। कई ने हेलमेट पहन रखे थे।

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