पाकिस्तानी मूल के मशहूर गायक और संगीतकार अदनान सामी को पद्म सम्मान मिलने के बाद हंगामा मचा हुआ है। अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद छिड़े सियासी घमासान में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी कूद पड़ी है।
मायावती ने कहा है कि अगर पाकिस्तानी मूल के गायक को नागरिकता और सम्मान मिल सकता है तो पाकिस्तानी मुसलमानों को भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत देश में शरण मिलनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार को सीएए पर पुनर्विचार की नसीहत भी दी। बता दें कि, बसपा लगातार CAA को लेकर भाजपा पर निशाना साधती रही है।
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा, “पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान समी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहाँ के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहां CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।”
पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान समी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहाँ के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहाँ CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा
— Mayawati (@Mayawati) January 28, 2020
गौरतलब है कि, पाकिस्तान से आकर भारत में बस चुके सिंगर-म्यूजिशन अदनान सामी ने पद्मश्री दिए जाने के बाद हुए विवाद पर अपने स्टाइल में जवाब दिया है। सामी पहले पाकिस्तानी नागरिक थे। उन्हें 2016 में भारतीय नागरिकता मिली थी। ‘कभी तो नजर मिलाओ’ और ‘लिफ्ट करा दे’ जैसे गानों के लिए भारत में मशहूर सामी कई सारे म्यूजिकल इंस्ट्रमेंट बजाने के लिए जाने जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि संसद के पिछले शीतकालीन सत्र में पारित किए गए संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान में धार्मिक हिंसा के कारण भारत आए हिंदू सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इस कानून में मुस्लिमों को शामिल नहीं किए जाने का विपक्षी दल विरोध करते ही सरकार से सीएए को वापस लेने की माँग कर रहे है।