भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्ष की आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को साफ किया कि जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है।

अमित शाह ने सीएए के समर्थन में लखनऊ में आयोजित जागरूकता रैली में कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, ‘‘जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है।’’ शाह ने विपक्षी दलों को सीएए पर बहस की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।’’
शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा किसी भी नागरिक की नागरिकता लेती हो तो बता दें। उन्होंने कहा कि आज देश में इसके खिलाफ दंगा और धरना-प्रदर्शन कराया जा रहा है जो गलत है। गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा का सीएए के प्रति जनजागरण का अभियान इस कानून के खिलाफ दुष्प्रचार करके देश को तोड़ने की साजिश रचने वालों के खिलाफ मुहिम है। उन्होंने इस मौके पर ‘जो बोले सो निहाल’ का नारा भी लगवाया।
At a public meeting in Lucknow, Uttar Pradesh. https://t.co/mJrK0rPV0r
— Amit Shah (@AmitShah) January 21, 2020
गृह मंत्री ने सीएए का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से पूछा, ‘‘जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में करोड़ों लोग धर्म के आधार पर मारे गये तब आप कहां थे। कश्मीर से पांच लाख पंडितों को विस्थापित किया गया, मगर इन दलों के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।’’ शाह ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए दावा किया कि अयोध्या में तीन महीने के अंदर आसमान छूता हुआ मंदिर बनेगा।
बता दें कि, दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के घंटाघर परिसर में सैकड़ों महिलाएं पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार जब तक सीएए को वापस नहीं लेती और एनआरसी का इरादा खत्म नहीं करती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ के खिलाफ पुराने लखनऊ के घंटाघर इलाके में प्रदर्शन कर रही मशहूर शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों समेत करीब 160 महिलाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। (इंपुट: भाषा के साथ)