मालेगांव बम विस्फोट मामले में लंबे समय तक कानूनी प्रक्रिया का सामना कर चुकीं इस मामले में अभियुक्त और मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के लिए नामित किए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।

भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के लिए नामित किए जाने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए गुरुवार को कहा कि यह विडंबना है कि इस तरह के सदस्य को उन्होंने जगह दी, जबकि उनके पास कई साफ छवि वाले नेता हैं। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस की आपत्ति और इसे सुरक्षा बलों का अपमान बताए जाने को देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल की नासमझी का सबसे बड़ा प्रमाण करार दिया है।
कांग्रेस सचिव प्रणव झा ने कहा, “यह विडंबना है कि ऐसे इंसान को सरकार ने रक्षा समिति में जगह दी है।” झा ने कहा कि ऐसे लोगों को कोई भी पार्टी जगह नहीं देती है, लेकिन भाजपा ने दी है। कांग्रेस नेता ने कहा, “ऐसे लोगों को सामने लाना, जिनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। संविधान सभी चीजों का मार्गदर्शन नहीं कर सकता है, ऐसे में कुछ फैसले नैतिकता के आधार पर भी लिए जाते हैं।” झा ने आगे कहा, “भाजपा ने 303 सीट जीती है, उनके पास कई विकल्प थे, जिनकी छवि साफ है, जिन पर कोई मुकदमा नहीं चल रहा है। उन्हें रक्षा समिति में लिया जाना चाहिए था।”
कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया कि प्रज्ञा ठाकुर को डिफेंस कमेटी में शामिल किया गया है। बीजेपी सरकार ने नेशनलिज्म को नया मॉडल दिया है, बम ब्लास्ट मामले में ट्रायल पर चल रहीं नेता को डिफेंस मामलों की कमेटी में शामिल किया गया। चिंता की कोई बात नहीं, भारत माता की जय। उन्होंने लिखा कि कुछ महीनों पहले पीएम ने ‘मन से माफ ना करने’ की बात कही थी, लेकिन अब संदेश साफ है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के अच्छे दिन आ गए हैं।
Few Months back PM said “he can never forgive #PragyaThakur for her remarks but today she is rewarded with appointment on Parliamentary Committee on Defence -Message is Clear -It’s Acche Din for Nathuram Godse Bhakts
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) November 21, 2019
आतंकवाद के मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को एक संसदीय समिति में शामिल करने पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने को लेकर भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने प्रतिक्रिया में गुरुवार को कहा, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी की नासमझी का यह सबसे बड़ा प्रमाण है। प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से चुनाव जीतकर आयी हैं। वह सांसद हैं। सांसद होने के नाते समितियों में सदस्य चुना जाना उनका अधिकार है।’
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आरोपी बनाए जाने का हवाला देते हुए सिन्हा ने कहा, ‘सांसद होने के नाते प्रज्ञा ठाकुर के वही अधिकार हैं जो सोनिया और राहुल गांधी के हैं। प्रज्ञा ठाकुर और सोनिया गांधी में अगर अंतर करेंगे तो मैं यही कह सकता हूं कि सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैं, क्या वह सभी संसदीय समितियों से इस्तीफा देंगी।’
उल्लेखनीय है कि, सरकार द्वारा 21 अक्टूबर को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति का नेतृत्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। इस समिति में साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को हराने वाली प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हैं। समिति में विपक्षी नेता फारूक अब्दुल्ला, टीएमसी के सौगत रॉय, डीएमके के ए. राजा और राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार भी हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान ठाकुर ने अपने आपत्तिजनक बयानों से कई बार विवाद खड़ा किया था। इस दौरान सबसे बड़ा विवाद तब हुआ था, जब प्रज्ञा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। हालांकि, प्रज्ञा के इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
बता दें कि, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और जमानत पर बाहर हैं। अभी भी ये मामला अदालत में चल रहा है। भोपाल में हुए मुकाबले में प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मात दी थी।(इंपुट: आईएएनएस और भाषा के साथ)