कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद दिल्ली के चांदनी चौकी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस बात का जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरीए दी। अलका लांबा ने मंगलवार को सोनिया से मुलाकात की थी जिससे उनके कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अलका लांबा ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘आप को अलविदा कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का समय आ गया है। मेरे लिए पिछले छह साल का सफ़र बड़े सबक सिखाने वाला रहा। सभी का शुक्रिया।’’ चांदनी चौक से आप विधायक लांबा ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ने का मन बना लिया है। बता दें कि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बता दें कि, पिछले दिनों अलका लांबा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। जिसके बाद से ये अटकलें तेज हो गई हैं वह जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। हालांकि, उन्होंने अभी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। आम आदमी पार्टी से पिछले कई महीनों से नाराज चल रही अलका कई मौकों पर कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं की तारीफ करती नजर आईं हैं। वह पहले भी एनएसयूआई और कांग्रेस में रह चुकी हैं।
The time has come to say
“Good Bye” to #AAP and to resign from the primary membership of the Party.
The past 6years journey was a great learning for me.Thanks to all. ???. #JaiHind #ChandniChowk #MLA #AlkaLamba #Delhi
— Alka Lamba – अलका लाम्बा (@LambaAlka) September 6, 2019
चांदनी चौकी की विधायक अलका लांबा ने मंगलवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। अलका ने सोनिया से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अलका लांबा ने एक ट्वीट कर कहा, “श्री मति सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष ही नहीं यूपीए की चेयरपर्सन भी हैं और सेकुलर विचारधारा की एक बहुत बड़ी नेता भी। देश के मौजूदा हालात पर उनसे लंबे समय से चर्चा बाकी थी। आज मौक़ा मिला तो हर मुद्दे पर खुल कर बात हुई। राजनीति में ये विमर्श का दौर चलता रहता है और चलते रहना चाहिए।”
श्रीमति सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष ही नहीं यूपीए की चेयरपर्सन भी हैं और सेकुलर विचारधारा की एक बहुत बड़ी नेता भी।
देश के मौजूदा हालात पर उनसे लंबे समय से चर्चा Due थी।आज मौक़ा मिला तो हर मुद्दे पर खुल कर बात हुई।
राजनीति में ये विमर्श का दौर चलता रहता है और चलते रहना चाहिए। pic.twitter.com/cJNyGEEBs7— Alka Lamba (@LambaAlka) September 3, 2019
उल्लेखनीय है कि, लांबा पिछले कुछ समय से आप नेतृत्व खासकर पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली से नाराज़ चल रही थीं। केजरीवाल पर पार्टी में मनमानी करने का आरोप लगते हुए वह इसका सार्वजनिक तौर पर कई बार मुखर विरोध कर चुकी हैं। लांबा और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कुछ समय से टकराव की स्थिति जो शुरू हुई, वह किसी न किसी रूप में चलती रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही मांगी थी। इसके बाद उन्हें पार्टी विधायकों के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया था।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था और उन्होंने केजरीवाल के रोडशो के दौरान मुख्यमंत्री की कार के पीछे चलने के लिए कहे जाने के बाद रोडशो में भाग नहीं लिया था। लांबा और आप के बीच सबसे पहले टकराव राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित करने के पार्टी के फैसले को लेकर हुआ था। लांबा ने पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्तियां उठाई थीं।
उन्होंने दिसंबर 2018 में ट्वीट किया था कि आप ने उन्हें प्रस्ताव का समर्थन करने को कहा जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। लांबा ने कहा था कि वह इसके लिए किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू किया था और आप में शामिल होने से पहले उन्होंने करीब 20 साल विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी की सेवा की।
दिल्ली में अगले साल जनवरी में संभावित विधानसभा चुनाव के पहले लांबा ने आप छोड़ने की घोषणा कर कांग्रेस में एक बार फिर शामिल होने की अटकलों को हवा दे दी है। फिलहाल, लांबा ने अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में कोई स्पष्ट खुलासा नहीं किया है। (इंपुट: भाषा के साथ)