देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट में 19 लाख से ज्यादा लोगों के बाहर किए जाने पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विसंगतियों से भरी एनआरसी की फाइनल लिस्ट ने लाखों लोगों को उनके अपने ही देश में विदेशी बना दिया।
प्रशांत किशोर ने रविवार को ट्वीट कर कहा, “विसंगतियों से भरी एनआरसी की फाइनल लिस्ट ने लाखों लोगों को उनके अपने ही देश में विदेशी बना दिया। इस तरह की कीमत इंसान को तब चुकानी पड़ती है, जब राजनीतिक दिखावे और नारों को गलती से बिना रणनीतिक और व्यवस्थागत चुनौतियों पर ध्यान दिए राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे जटिल मुद्दों का समाधान समझ लिया जाता है।”
इससे पहले एनआरसी बिल का जेडीयू ने विरोध किया था। जेडीयू नेता केसी त्यागी के नेतृत्व एक दल भी असम गया था और अपनी रिपोर्ट में एनआरसी का विरोध किया था। प्रशांत किशोर का ट्वीट भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। बता दें कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद सियासी घमासान भी शुरू हो गया है।
A botched up NRC leaves lakhs of people as foreigners in their own country!
Such is the price people pay when political posturing & rhetoric is misunderstood as solution for complex issues related to national security without paying attention to strategic & systemic challenges.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) September 1, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी का कहना है कि एनआरसी लिस्ट से कई ऐसे लोग बाहर कर दिए गए हैं जो वास्तविक रूप से भारतीय हैं। सरकार को इनके साथ न्याय करना चाहिए था।
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘पहले मुझे एनआरसी की असफलता के बारे में पता नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे सूचनाएं आ रही हैं, हम यह देखकर हैरान है कि एक लाख से अधिक गोरखा लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘वास्तव में, सीआरपीएफ और अन्य जवान, पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों समेत हजारों वास्तविक भारतीयों के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं।’
ममता ने कहा, ‘सरकार को इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए था कि एक भी वास्तविक भारतीय इस लिस्ट से छूटने न पाए और हमारे सभी वास्तविक भारतीय भाइयों और बहनों के साथ न्याय हो।’
Earlier I was not aware of the full NRC fiasco. As more and more information is coming in, we are shocked to see that names of more than 1 lakh Gorkha people have been excluded from the list. (1/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 1, 2019
उल्लेखनीय है कि, असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।
पिछले साल 21 जुलाई को जारी की गयी एनआरसी सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था। अब अंतिम सूची में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं।